18 भाजपा विधायकों के निलंबन के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता उतरे सड़क पर, निलंबन पर जमशेदपुर महानगर के आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूंका सीएम हेमंत सोरेन का पुतला, जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा- निर्णय से लोकतंत्र की हुई हत्या, हेमंत सरकार के हर जोर-जुल्म का होगा हिसाब, जवाब देने से भाग रही है सरकार
जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा में हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे 18 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के निर्णय पर भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पार्टी के 18 विधायकों के निलंबन पर पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता में आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने और अलोकतांत्रिक निर्णय के विरोध में भाजपा जमशेदपुर महानगर के द्वारा अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने सीएम हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया। महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने साकची स्थित जिला भाजपा कार्यालय से साकची गोलचक्कर तक पैदल मार्च कर एवं हाथों में पोस्टर-बैनर एवं पुतला लेकर हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान लोकतंत्र की हत्यारी हेमंत सरकार, हाय-हाय और गठबंधन सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाकर विरोध दर्ज किया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार जनता की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है।
वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने भाजपा विधायकों के निलंबन को अनुचित और अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस और झामुमो के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष ने लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस सरकार अपने किये चुनावी वादों पर जवाब देने से भाग रही है। सरकार ने अपने आचरण से बता दिया कि वो पुरी तरह से निरंकुश और उत्तरहीन हो गयी है। सुधांशु ओझा ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से झूठे आश्वासन और बयानबाजी से दिन काटने वाली हेमंत सरकार का झूठ पकड़ा जा चुका है और सरकार का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार से झारखंड को लुटखण्ड बनाने वाली झामुमो-कांग्रेस सरकार की विदाई तय हो चुकी है। हेमंत सरकार के हर जोर-जुल्म का हिसाब जरूर होगा और भाजपा कार्यकर्ता आगामी विधानसभा चुनाव में इस तानाशाह और अकर्मण्य सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।
इस दौरान देवेंद्र सिंह, अभय सिंह, बिनोद सिंह, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, राजन सिंह, जटाशंकर पांडेय, अनिल सिंह, नीरज सिंह, डॉ राजीव, संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, संजीव सिंह, अनिल मोदी, मंजीत सिंह, पप्पू सिंह, नीलू मछुआ, विजय तिवारी, राजीव सिंह, ज्ञान प्रकाश, धर्मेंद्र प्रसाद, अमित अग्रवाल, मुचिराम बाउरी, बीनानंद सिरका, बिनोद राय, प्रशांत पोद्दार, संतोष ठाकुर, अमरेंद्र पासवान, ध्रुव मिश्रा, बबलू गोप, संजय तिवारी, प्रदीप मुखर्जी, उमेश पांडेय, शशांक शेखर, काजू शांडिल, बिनोद झा, सुशील पांडेय, सुबोध झा, संजीत चौरसिया, काजू शांडिल आदि शामिल थे।