जमशेदपुर : जमशेदपुर में 27 जुलाई 2024 की सुबह टाटानगर रेलवे स्टेशन के नजदीक मेन रोड पर छात्रा पर हुए हमले के मामले में भाजपा नेताओं ने सोमवार को दोबारा डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर से मुलाकात की है. बागबेड़ा थाना अंतर्गत स्टेशन चौक पर हुए पीएचडी नेट की छात्रा पर 7 से 8 ड्राइवर व पार्किंग कर्मचारियों के हमले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाने के बाद भी न पुलिस और न हमलावरों पर किसी तरह की कार्रवाई हुई है।
जानलेवा हमला करने के दर्ज मामले पर डीएसपी ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन भाजपा नेताओं को दिया है. डीएसपी कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज करने वाले प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उपेन्द्र नाथ सरदार, सुंदरनगर मंडल अध्यक्ष चंचल चक्रवर्ती, जिला ओबीसी मोर्चा उपाध्यक्ष ललन यादव, पोटका के वरिष्ठ नेता होपना महाली, महामंत्री वरुण सिंह,तारकनाथ घोष, पीड़ित छात्रा के पिता सुरीन बनर्जी, सुंदरनगर मंडल ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष विजय विश्वकर्मा, सौविक डे सहित अन्य उपस्थित रहे।
नौ दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं….
हालांकि घटना के नौ दिन बीत जाने के बावजूद न हमलावरों में से किसी की गिरफ्तारी हुई है और न ही लापरवाही के आरोप में थानेदार या मुंशी पर कार्रवाई हुई है. इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. इधर यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि किन्नरों से भी बागबेड़ा पुलिस का विवाद हो गया और मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया. एक तरफ किन्नर भी पुलिस पर अत्याचार और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने शरीर की चोटे दिखाते हुए धरना प्रदर्शन तक की धमकी दे चुके हैं तो दूसरी तरफ बागबेड़ा पुलिस द्वारा भी किन्नरों पर थाने में घुसकर हमला और तोड़ फोड़ का मामला दर्ज किया गया है।
अब यह समझ से परे है कि ऐसा बार-बार बागबेड़ा पुलिस के साथ ही क्यों हो रहा है. एक तरफ तो डीजीपी अनुराग गुप्ता पुलिस को आम आदमी के साथ बेहतर तालमेल व अच्छे व्यवहार का पाठ पढ़ा रहे तो दूसरी तरफ कुछ पुलिस पदाधिकारी आम आदमी के साथ अपराधियों से भी बद्तर सलूक कर रहे हैं।