जमशेदपुर : सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जे इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाने के बाद अंतरिम सैन्य सरकार की स्थापना की गई है। इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पर लगातार स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में एक्शन मोड में हैं। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस संबंध में मुलाकात भी हुई थी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी सर्वदलीय बैठक में भारत के रुख से विपक्षी दलों के नेताओं को अवगत कराया है। वहीं, बांग्लादेश में तख्तापलट और कट्टरपंथियों के द्वारा किये जा रहे हिंसक घटनाओं पर भाजपा ने चिंता जताई है। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर आक्रमण हो रहे हैं, वहां देवी-देवताओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं। इस समय बांग्लादेश में हिंदु समाज पर हमले बढ़ गए हैं और अभी के अराजकता की स्थिति में यह और भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय हिंदुओ की दुकानों और घरों पर हमला कर लूटपाट, तोड़फोड़ और मारपीट की घटना बढ़ गई है। महिलाओं-बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं भी हो रही है। ऐसे में भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने बंगाल में हिंदुओं की रक्षा और उनके सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ को बंगलादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए तत्काल सेना भेजनी चाहिए। आज बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को तत्काल शांति सेना भेजकर स्थिति पर नियंत्रण करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया है कि अगर हालात वहां की पुलिस और सेना नहीं संभाल पा रही है तो इस स्थिति में बांग्लादेश 1971 की तरह भारत सरकार से मदद लें।
वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने झारखंड सरकार से अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर लगाम लगाने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने भी बंगलादेशी घुसपैठियों को जटिल समस्या मानकर उनकी बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए झारखंड सरकार से ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस मामले को भाजपा ने भी कई मंचों पर प्रमुखता से उठाते हुए झारखंड सरकार को बंगलादेशी घुसपैठियों के रवैये और क्रियाकलापों पर लगातार आगाह किया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के ताजा हालात पर सभी दलों को यह चिंतन करने की आवश्यकता है कि बांग्लादेशी घुसपैठिये किस हद तक जा सकते हैं। ये अपने देश के नही हुए तो किसी के भी नही हो सकते हैं। अगर झारखंड सरकार राज्य की तेजी से बदल रहे डेमोग्राफी चेंज पर अब भी नही संभली तो आने वाले दिनों में बांग्लादेश जैसे हालात झारखंड में भी हो सकते हैं। जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों के आगे समर्पण करती सरकार दिखाई देगी।