- जब देखा कि भ्रूण अविकसित है तो लगा दिए टांके
ASSAM : असम के एक अस्पताल से चौका देने वाली खबर सामने आई है। अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने पिछले दिनों एक गर्भवती महिला का डिलीवरी टाइम से तीन महीने पहले ही ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टर को पता चला कि भ्रूण अभी अविकसित है तो उसने फिर से टांके लगा दिए। यह ऑपरेशन असम के करीमगंज सिविल अस्पताल में पिछले दिनों हुआ। मामला सामने आने के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि जांच कराई जा रही है।
डॉक्टर ने मामला दबाने का प्रयास किया
ऑपरेशन करने वाली महिला डॉक्टर ने अपनी ओर से भरसक यह प्रयास किया कि यह मामला दब जाए। महिला डॉक्टर ने गर्भवती महिला के परिजनों से इसके बारे में किसी को नहीं बताने को कहा। लेकिन अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा, तब उसके रिश्तेदारों और पड़ोसियों को इसके बारे में मालूम चल गया। बाद में गर्भवती महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से मामले की शिकायत की। इधर, अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि उसे इस मामले की जानकारी मिली है। मामले की जांच की जा रही है। यदि डॉक्टर दोषी पाई जाती है तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
अल्ट्रासाउंड कराए बिना कर दिया ऑपरेशन
गर्भवती महिला के परिवार के अनुसार ऑपरेशन के बाद गर्भवती की तबीयत बिगड़ने लगी। यह देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि दो दिनों तक निगरानी में रखने के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराए बिना ही उसका ऑपरेशन कराने का फैसला किया, जबकि उसे पता था कि दिसंबर के प्रारंभ में वह बच्चे को जन्म देने वाली है। गर्भवती महिला के परिवार का दावा है कि ऑपरेशन करने के बाद जब डॉक्टर को अहसास हुआ कि भ्रूण अविकसित है, तब उसने भ्रूण को अंदर ही छोड़कर टांके लगा दिए। डॉक्टर ने गर्भवती के परिवार से कथित रूप से कहा कि वह इसके बारे में किसी न बताए।