झारखंड : मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उनकी नाराजगी उभर कर सामने आई थी।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह संघर्ष करेंगे और नई पार्टी को खड़ा करेंगे। बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि अगर इस दौरान रास्ते में कोई दोस्त मिला तो वह उससे हाथ भी मिलाएंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उनकी नाराजगी उभर कर सामने आई थी।
VIDEO | Former Jharkhand chief minister Champai Soren (@ChampaiSoren) announces to float a new political party, and also keeps doors open for alliance.
"I had mentioned three options – retirement, organisation or friend. I will not retire; I will strengthen the party, a new… pic.twitter.com/LfQABpo6Lh
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2024
चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने से जुड़ी अटकलें भी जारी थी लेकिन अब चंपई सोरेन ने सभी सवालों पर विराम लगा दिया है और नई पार्टी का ऐलान करते हुए गठबंधन के सभी विकल्पों के खुले होने की बात भी कही है।
नई पार्टी की घोषणा करते हुए क्या बोले चंपई सोरेन?
झारखंड में जारी राजनीतिक हलचल के बीच चंपई सोरेन गठबंधन की संभावना को खुला रखते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया और कहा, “मैंने तीन विकल्प बताए थे -रितायरमेंट, नया संगठन या कोई दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा, मैं एक पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा।”
जब चंपई सोरेन से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव से पहले उनके पास नई पार्टी बनाने और उसे खड़ा करने के लिए ज्यादा वक़्त नहीं है तो इसके जवाब में पूर्व सीएम ने कहा, “यह आपकी समस्या नहीं है। जब हमारे साथ 30-40 हजार कार्यकर्ता आ सकते हैं तो नई पार्टी बनाने में क्या समस्या है। नई पार्टी एक हफ्ते के अंदर बन जाएगी।”
चंपई सोरेन ने क्यों लिया यह फैसला?
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पिछले दिनों ‘अपमान’ का ज़िक्र किया था। इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले चंपई सोरेन ने JMM नेतृत्व के साथ अपने असंतोष का संकेत दिया था। उन्होंन पार्टी नेताओं के उनकी जानकारी के बिना उनके सरकारी कार्यक्रमों को अचानक रद्द कर दिए जाने का मुद्दा उठाया था। उन्हें हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन जैसे ही हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए उन्हे पद से इस्तीफा देना पड़ा था।