लोकतंत्र सवेरा : रांची के मोराबादी मैदान में युवा आक्रोश रैली में झारखंड के युवाओं के समर्थन में लाखों की भीड़ में जुटे भीड़ देखकर हेमंत सरकार बौखला गई। खुद बाकलाहट ना रोक पाने के कारण कल रात से ही पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग करके लाखों की संख्या पर पहुंचने वाले युवाओं को रोकने के लिए, पूरे राजभर में बेरिकेट का प्रयोग किया गया । तथा प्रशासन द्वारा जबरन रोककर, मोराबादी मैदान पहुंचने वाले युवाओं के साथ धक्का मुक्की , आंसू बोले , मिर्ची बम,लाठी डंडे के साथ कानून का दुरुपयोग किया गया।
इस आक्रोश रैली में प्रदर्शन में गई भाजपा नेत्री डॉक्टर सुनीता एवं उनके समर्थक भी घायल हुए । प्रशासन कानून का दुरुपयोग करने का बावजूद भी यह सरकार लाखों की संख्या में पहुंचे हुए युवाओं का आक्रोश को रोकने में नाकाम साबित हुआ। रांची शहर में तथा अन्य कई जगह पर बैरिकेड में कटीले तार का प्रयोग किया गया। इस कटीले तार का प्रयोग सीमा बॉर्डर पर ही या आतंकवादियों को रोकने के लिए किया जाता है।
लेकिन वर्तमान हेमंत सरकार ने तानाशाही रवैया दिखाते हुए झारखंड के गरीब बेरोजगार युवाओं को हक की लड़ाई उनकी आवाज को रोकने लिए युवाओं के साथ जान का खिलवाड़ करते हुए कटीली तार का प्रयोग किया। कटीली तार का प्रयोग करने के बावजूद भी लाखों का भीड़ रुकने में असफल साबित हुआ । यह सरकार घोटाले की सरकार है । पिछले 4 साल पर होने के बावजूद भी स्थानीय नीति लागू नहीं कर पाई । इन्होंने कहा था राज्य के किसी भी निजी संस्थान में नौकरी के लिए 75% का आरक्षण का नियमावली भी तैयार करके आरक्षण देने का काम करेंगे। यह सरकार झारखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए 5000 से 7000 तक का बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया था।
यह सरकार नौकरी वर्ष करते-करते इनका पूरा कार्यकाल खत्म हो गया. परंतु इनका नौकरी का वर्ष कभी आया ही नहीं । पिछले कुछ दिन पहले इन्होंने मां बेटी का सम्मान के नाम पर मैया परेशान योजना लाकर मां बेटियों को परेशान करने का काम किया। ₹1000 का प्रोलोभन् देखकर वोट बैंक का राजनीति शुरू किया है। लेकिन हमें पूर्ण विश्वास है, इनके बहकावे पर कोई भी मां बेटी आने वाले नहीं है। क्योंकि उन्हें पता है यह सरकार पिछले 5 साल में बेरोजगारों के साथ धोखा किया है ठगा है। अब झारखंड की जनता जाग चुकी है अब झारखंड की जाग चुकी है, क्योंकि यह कहावत है जब-जब जुबा डोला है राज सिंहासन टोला है, आखरी समय अब शुरू हो गया है।