- यूनिवर्सिटी के फार्मेसी संस्थान का राष्ट्रीय पोषण सप्ताह समारोह संपन्न
जमशेदपुर : नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष फार्मेसी संस्थान की ओर से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन किया गया। इस सप्ताहव्यापी कार्यक्रम के तहत अलग-अलग दिन विविध गतिविधियों का संचालन किया गया। इस वर्ष के लिए एनएनडब्ल्यू की ओर से इस दिवस का विषय “स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पोषण और पोषण पूरक का महत्व” निर्धारित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एनएसएमसीएच आदित्यपुर के डॉक्टर मो. अशरफ अली ने स्वस्थ भोजन के पोषण के मूल्य व फायदे तथा डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों व फास्ट फूड के नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि फार्मासिस्ट और डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाओं में अभिन्न अंग हैं।
भोजन की गुणवत्ता और भागों के आकार पर चर्चा
सम्मानित अतिथि बीआईटी मेसरा के प्रोफेसर (डॉ.) केके प्रधान ने कुपोषण रोकने के लिए भोजन की गुणवत्ता और भागों के आकार पर नजर रखने पर चर्चा की। उन्होंने नैदानिक अनुसंधान और दवा विकास के क्षेत्र में अपने अनुभव भी साझा किए। इस क्रम में डॉ प्रधान ने फार्मेसी में विभिन्न विषयों के बारे में छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। बीआईटी मेसरा के पीएचडी स्कॉलर कौशल कांत वर्मा ने इष्टतम आहार के महत्व से अवगत कराया। मानस रंजन नायक ने न्यूट्रास्युटिकल्स और पोषण पूरक के लाभ बताये। सेमिनार में बी. फार्मा और डी. फार्मा के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
स्वास्थ्य सेवा में फार्मेसी पेशेवरों के योगदान पर बल
इससे पूर्व प्राचार्य प्रो. (डॉ.) दिलीप कुमार ब्रह्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में फार्मेसी पेशेवरों के योगदान पर बल दिया। डीन (प्रशासन) प्रो. नजीम खान ने राष्ट्रीय पोषण सप्ताह कार्यक्रम में शामिल छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों को स्थानीय तौर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों के सेवन व उचित आहार के माध्यम से स्वास्थ्य विकार को दूर करने पर की सलाह दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक हितों की पूर्ति और पोषण संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता की कमी को दूर करने का प्रयास करना था। यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग (एनएसआईपी) की ओर से पहली बार डी. फार्मेसी प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छात्र-छात्राएं उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
पोषण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना कार्यक्रम का उद्देश्य
डॉ. दिलीप ब्रह्मा ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य लोगों को पोषण और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में शिक्षित कर एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना था। साथ ही जन जागरूकता बढ़ाना और पोषण के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताना भी था, जिसमें संतुलित आहार के लाभ, स्वास्थ्य पर पोषण का प्रभाव और उचित आहार प्रथाओं का महत्व, कुपोषण की बहुआयामी चुनौतियां, अपनाने को प्रोत्साहित करना शामिल थीं।
क्विज में भारत नमता प्रथम
इस आयोजन के तहत फार्म प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए पोषण विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। इसमें विभाग के विभिन्न सत्रों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में भारत नमता को प्रथम, नसीम नाज व मोहम्मद कामरान खान को द्वितीय तथा शादाब अंसारी व तिशान दान को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्कूली छात्रों से भोजन की जानकारी ली
इसके बाद स्कूली बच्चों के लिए पोषण परामर्श कार्यक्रम के साथ नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल (एनएसपीएस) पोखरी का दौरा कर डी. फार्म प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने किया। इस क्रम में फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने 13 से 17 वर्ष आयु वर्ग तक के लगभग 200 स्कूली छात्र-छात्राओं से उनकी भोजन प्राथमिकताओं, पोषण संबंधी आदतों, जीवन शैली, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र की। उनके बीएमआई की गणना की और उन्हें प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता के अनुसार स्वस्थ संतुलित आहार लेने का सुझाव दिया।
विभिन्न गतिविधियों का संचालन
इस सप्ताहव्यापी कार्यक्रम का आयोजन कुलसचिव नागेंद्र सिंह और प्राचार्य प्रो. (डॉ.) दिलीप कुमार ब्रह्मा के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम के पहले दिन “एनएनडब्ल्यू और स्वास्थ्य के साथ भोजन के संबंध” के बारे में छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम समन्वयक शाइस्ता सानुबेर ने एक प्रारंभिक परिचयात्मक प्रस्तुति दी। इसके बाद आलिया समर ने पोषक तत्व व उसके प्रकार और इसकी कमियां विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। दूसरे दिन विभाग के 3 विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। आशीष कुमार ने “आहार फाइबर का महत्व, संतुलित आहार और स्वास्थ्य पर जंक फूड का प्रभाव”, मोहम्मद कामरान खान ने कुपोषण, पोषण की कमी और खाद्य पदार्थों के कैलोरी और पोषण मूल्य और जयंत कुमार सिंह ने खाद्य पदार्थों का फोर्टिफिकेशन और मिलावट और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव विषय पर अपने विचार रखे।