जमशेदपुर : ब्रजेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह मामले में पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए विधायक ने कहा कि विगत कुछ समय से प्रतीत हो रहा है कि जमशेदपुर प्रशासन और पुलिस का रवैया निष्पक्ष नहीं है. उन्होंने कहा कि कदमा थाना में ब्रजेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी, जिसके दो दिन उसे गिरफ्तार किया गया, फिर उन्हें पीआर बांड पर जमानत मिल गयी. जमानत रहने के बावजूद अगले दिन पुलिस ने उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने फिर उन्हें छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने उनके घर जाकर लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया, जिसे अभी तक नहीं लौटाया है और न ही जब्ती सूची दी है।
इस बीच पुलिस ने पीड़िता का धारा 164 में कोर्ट में बयान करा लिया है. इस मामले में पुलिस की अति सक्रियता सामान्य नहीं प्रतीत होती है. कारण कि उन्हीं लोगों ने कदमा थाना में ही 29 जून को 2024 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें भी वही धाराएं लगाई गयी हैं, जो मुन्ना सिंह पर लगाई गई हैं. दोनों एफआइआर एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर में लिखी गयी हैं. इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई. श्री राय ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुन्ना सिंह को पसंद नहीं करते, उनके साथ अदावत रखते हैं. जेएनएसी ने मुन्ना सिंह के घर पर नोटिस चिपका दिया और कहा है कि उनके घर के पार्किंग में दुकान चल रही है. उसे वे हटा दें नहीं तो उसे तोड़ दिया जाएगा।