अब छोटी-छोटी उम्र के बच्चे भी मोटापे का शिकार हो रहे हैं। जो लड़कियां बचपन से ही मोटी होती हैं उनमें अर्ली पीरियड्स का खतरा ज्यादा होता है।
लोकतंत्र सवेरा न्यूज़ / हेल्थ डेस्क : मासिक धर्म, जिसे अंग्रेजी में ‘पीरियड्स’ कहा जाता है, महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाला वह अत्यंत जरूरी बदलाव है, जो यह बताता है कि अब आपका शरीर गर्भधारण करने की क्षमता हासिल कर चुका है।
पीरियड्स का आरंभ यानी यौनावस्था की शुरुआत होना है। यौनावस्था के आरंभ होते ही बच्चियों के जननांग का विकास शुरू हो जाता है।लड़कियां मैच्योर हो जाती हैं और शरीर भी बढ़ने लगता हैं।
क्या है अर्ली पीरियड्स?
पीरियड्स आना एक आम बात है, लेकिन अगर यह प्रक्रिया छोटी उम्र में शुरू हो जाए तो इसे चिंता का विषय माना जाता है। पुराने जमाने में जहां पीरियड्स 11 से 15 वर्ष की उम्र में शुरू होते थे, वहीं आजकल कई लड़कियों को उनका पहला पीरियड महज 9 साल की छोटी सी उम्र में ही आ जाता है। यह आगे चलकर लड़कियों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
कम उम्र में पीरियड आना बिल्कुल हेल्दी नहीं है, बल्कि इसकी वजह से आगे चलकर कई समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि जिन लड़कियों को कम उम्र में पीरियड आ जाते हैं तो जरूरी नहीं है कि ये सारी महिलाएं ओव्यूलेट कर सकती हैं, जो कि मां बनने के लिए बहुत जरूरी प्रक्रिया है। कई बार कम उम्र में ऐसा होने से ओव्यूलेशन से जुड़ी समस्या हो सकती है।
अर्ली पीरियड्स के कारण
रिसर्च के अनुसार आजकल के बच्चों में मीठा खाने का शौक काफी ज्यादा पाया गया है। फिर चाहें घर की बनी मिठाई खाएं या फिर पैकेट वाली चीजें, इस सभी चीजों में चीनी होती है, जो हॉर्मोन इंबेलेंस का कारण बनती है, जिसकी वजह से पीरियड्स आ सकते हैं। बहुत ज्यादा जंक फूड, मैदा, सॉफ्ट ड्रिंक्स से हार्मोन के साथ बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जंक फूड के लिए हेल्दी बॉर्डर जरूरी है। समय से पहले पीरियड्स को रोकने के लिए जंक फूड को अवॉइड करना बेहतर है।
घर में आए बाजार के समान में मौजूद केमिकल्स भी काफी हद तक अर्ली पीरियड्स की वजह हैं। इन पदार्थों में कुछ केमिकल्स होते हैं, जिनसे समय से पहले पीरियड्स शुरू होने का खतरा होता है। रिसर्चर की मानें तो लड़कियों में जल्दी पीरियड्स आने की कोई एक वजह नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वजहें हैं, जिन्हें समझना बहुत जरूरी है।
मोटापा भी है अर्ली पीरियड्स का कारण
इसका एक कारण मोटापा भी है। अब छोटी-छोटी उम्र के बच्चे भी मोटापे का शिकार हो रहे हैं। जो लड़कियां बचपन से ही मोटी होती हैं उन्हें यह खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा स्ट्रेस भी एक बड़ा कारण है। जब हमें तनाव ज्यादा होता है तो हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन और एण्ड्रोजन हार्मोन ज्यादा रिलीज होते हैं। फैट टिशू इन हार्मोन्स को एस्ट्रोजन में बदल देता है, जो ब्रेस्ट को बढ़ाता है। एस्ट्रोजन के रिलीज के स्तर में आया यह बदलाव भी शरीर में पीरियड्स शुरू होने का संकेत देता है।
क्या है पीरियड्स शुरू होने की सही उम्र?
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीरियड्स शुरू होने का सही समय क्या है? साइंस के अनुसार 11 से 15 साल की उम्र सही समय होता है जब पीरियड्स चालू होते हैं। कई बार 16 की उम्र में पीरियड होते हैं पर वो भी ठीक है। इस समय आए हुए पीरियड्स हेल्थी होते हैं, लेकिन आजकल की जिंदगी में अर्ली पीरियड्स एक बहुत बड़ा मसला बन चुका है।
क्या कर सकते हैं पेरेंट्स?
रिसर्च में यह बताया गया है कि पेरेंट्स को इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे फलों और सब्जियों से भरपूर एक हेल्दी डाइट लें। हेल्दी और कंप्लीट डाइट लेना समय से पहले प्यूबर्टी और पीरियड्स के आने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। डाइट के साथ-साथ रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद भी बहुत जरूरी है। अगर आप इन दोनों चीजों का भी ध्यान रखते हैं तो जल्दी प्यूबर्टी और पीरियड्स के खतरे को घटाया जा सकता है।
कुछ रिसर्च में देर से सोने और कम नींद लेने को भी जल्दी प्यूबर्टी आने से जोड़ा गया है। रिसर्च ये भी कहते हैं कि पेरेंट्स को अपने आपको इस तरह की स्थिति के लिए हमेशा तैयार रखना चाहिए और इसके साथ ही उन्हें अपने बच्चों को भी पहले से ही इसकी जानकारी देनी शुरू कर देनी चाहिए, जिससे वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें।