बहरागोड़ा : विधानसभा के पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने अपनी ‘पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा’ के तहत खेड़ुआ और पारुलिया पंचायतों के विभिन्न गांवों का दौरा किया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा और वर्तमान विधायक के कामकाज पर नाराजगी जताई।
ग्रामीणों ने कुणाल षड़ंगी से बातचीत के दौरान बताया कि, “वर्तमान विधायक न तो हमारे क्षेत्र में आते हैं और न ही हमारी समस्याओं को हल करने के लिए कोई प्रयास करते हैं। कई बार उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।” ग्रामीणों ने यह भी कहा कि क्षेत्र में विकास कार्य लगभग ठप पड़े हैं, और लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
विशेष रूप से, दारिसोल के ग्रामीणों ने बताया कि यहां अब तक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं बना है, जिससे बच्चों और महिलाओं को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि वे 10 km तक पैदल चल के जाने को मजबूर है। इस समस्या के चलते बच्चों के विकास में बाधा आ रही है।
इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सड़क के दूसरी तरफ पानीकी पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन दारिसोल गांव में अब तक पानी की पाइपलाइन नहीं पहुंच पाई है। इससे ग्रामीणों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने धुतकुंडी के संदर्भ में बताया कि वहां बिजली का तार खुला पड़ा है, जिससे सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है। कुणाल ने तुरंत बिजली विभाग से बात कर जल्द से जल्द समस्या को हल करने को कहा।
ग्रामीणों ने बताया कि NH से पाथरघाटा गांव तक आने वाली सड़क पूरी तरह से खस्ताहाल हो गई है, जिससे उन्हें आने-जाने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “हमने स्थानीय विधायक और सांसद को कई बार इस समस्या के बारे में अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं किया गया।”
इस पर कुणाल षड़ंगी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यदि मुझे फिर से सेवा का अवसर मिलता है, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि बहरागोड़ा के हर कोने में विकास हो और लोग किसी भी समस्या से जूझने को मजबूर न हों।
यात्रा के दौरान कई प्रमुख ग्रामीण उपस्थित थे, जिनमें पारुलिया के मुखिया सुधिर मुंडा, खेडूआ के मुखिया सुलेखा सिंह मुंडा,आशीष मंडल, सिबू प्रधान, अभी जित दास, अनिमेश शॉ, विजय दास, रबी दास, मंटू दास, बाबुल दास, चित्तरंजन दास, जगत दास, काला राणा, प्रदीप दास,अभीजित दास,गोपाल मुंडा,झारू मुंडा,बिमल मुंडा,सिमोन्टो दास,जितू मुंडा,पवन मुंडा,सुशील मुंडा,शक्ति, अजय दास, रबिन गिरी, संजीव राणा, और बिस्वनाथ मुरमू समेत कई वृद्ध और महिलाएं शामिल थीं।