RANCHI: झारखंड की बेटी बहन को सम्मान के रूप में इस साल में तीस हजार राज्य सरकार दे रही है.इस सम्मान के साथ ही कई आरोप राज्य सरकार पर लग रहे है. विपक्ष की भूमिका में रहते हुए भाजपा मंईयां सम्मान को लेकर कई सवाल खड़ा कर रही है. इस बीच ही अब भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने एक सभा के दौरान कहा कि मंईयां को 30 हजार देकर भईया से 60 हजार वसूल किया जा रहा है।
भानु प्रताप शाही ने ट्रैफिक चालान पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले की बात है. जब मंईयां के खाते में 2500 रुपये पहुंचे.पैसा आने के बाद एक आदमी अपनी मेहरारू(पत्नी)को बाइक पर बैठा कर बाजार जा रहा था. इसी बीच चेकिंग मिला और पाँच हजार का चालान काट गया. बस इसके बाद पति सीट के पीछे बैठी मेहरारू(पत्नी) का चेहरा देखने लगा. यह तो वही हुआ मंईया को सम्मान देकर इसकी वसूली भईया से सरकार कर रही है।
भानु प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए जनता का खून चूस रही है.बिजली का केस,ट्रैफिक चालान जैसे कई चीजों को थोप कर अपनी मनमानी करने में लगी है. इस सरकार ने लोगों को धोखा देकर सत्ता में बैठ गई है. आखिर एक योजना को पूरा करने के लिए सभी को परेशान करना कितना उचित है. यह सब ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है।
बता दे कि राज्य सरकार 55 लाख 61 हजार से अधिक महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत साल में 30 हजार यानि हर माह 2500 रुपये दे रही है. इस योजना की शुरुआत झारखंड में अगस्त 2024 में की थी. शुरुआत के चार माह योजना में हर माह एक हजार रुपये दिए जा रहे थे. लेकिन इसके बाद चुनाव के दौरान इस राशी को बढ़ाने का वादा किया गया. ठीक वादे के मुताबिक दोबारा से सत्ता में आने के बाद हेमंत सरकार ने 2500 रुपये देने के प्रस्ताव को पास कर दिया. पाँचवी किस्त के रूप में दिसंबर से ही सभी के खाते में 2500 रुपये पहुँचने भी लगे।
यह बात हो गई मंईयां योजना की लेकिन इसका साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है. योजना से राजस्व पर बड़ा बोझ पड़ा है. राज्य के खजाने को भरने के लिए सभी विभाग को राजस्व वसूली पर जोर दिया गया. जिसकी तस्वीर भी सामने आने लगी. परिवहन विभाग की ओर से चालान पर जोर दिया गया. जिसके बाद राज्य के सभी थाना क्षेत्र में विशेष चेकिंग अभियान की शुरुआत की गई. नतीजा ऐसा हुआ की इतना चालान काट दिया गया की अब परिवहन विभाग के दफ्तर में लंबी लाइन देखी जा रही है।
गढ़वा से ही एक तस्वीर दिखी जिसमें लंबी कतार में खड़े हो कर सभी अपने चालान को भरने में लगे है. इस दौरान पीड़ित ने भी सवाल उठाया और कहा कि मंईयां योजना के नाम पर वसूली की जा रही है. सरकार एक तरफ 2500 दे रही है तो दूसरी तरफ पैसा वसूल करने में लगी है. यह सब तो चलता रहेगा. किसी भी राज्य में योजना की शुरुआत होती है तो सीधा भार खजाना पर पड़ता है. अब वसूली पर जोर दिया गया है.जिससे योजना चलती रही।