DHANBAD: धनबाद-150 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में जमशेदपुर की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने शुक्रवार को धनबाद के धैया, झरिया, सरायढेला, गोविंदपुर समेत आठ जगहों पर छापेमारी की. धैया स्थित हवेली अपार्टमेंट में जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड सौरव सिंघल और उसके सहयोगी शिवम सिंह के घर व दफ्तर में जांच चल रही है. दोनों के घर व दफ्तरों से नोट गिनने वाली तीन मशीनें, पांच लैपटॉप, पेन ड्राइव, छह मोबाइल व हार्ड डिस्क जब्त किये गये. यही नहीं, डीजीजीआइ को 100 करोड़ के कैश लेन-देन के कागजात भी मिले हैं. ट्रिनिटी फ्यूल, श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी, मां तारा इंटरप्राइजेज सहित 25 फर्जी कंपनियों के इनवॉइस भी जब्त किये गये हैं. हालांकि छापेमारी से पहले ही सौरव सिंघल व शिवम सिंह फरार हो गये. टीम सौरव के पिता राजेश सिंघल से पूछताछ कर रही है।
टैक्स भरते, तो सरकार को मिलता लगभग 40 करोड़ का राजस्व
वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी (डीजीजीआइ) रोशन मिश्रा के मुताबिक, अगर फर्जी कंपनी के नाम से इंवाइस जारी नहीं होती और टैक्स भरा जाता, तो सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता. श्री मिश्रा के मुताबिक, कोयला पर पांच प्रतिशत टैक्स है. इसके अलावा 800 रुपये प्रति टन सेस लिया जाता है. जांच में पकड़ने जाने पर टैक्स व सेस डबल हो जाता है. 150 करोड़ के जीएसटी की चोरी में सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ है।
छापेमारी में जमशेदपुर, रांची व धनबाद के 50 अधिकारी शामिल
छापेमारी में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस के जमशेदपुर, रांची व धनबाद के 50 अधिकारी शामिल हैं. संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के आदेश पर वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा के नेतृत्व में छापेमारी चल रही है. इसमें विराज पांडेय, बबलू सिंह, राजीव रंजन भी शामिल हैं. वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा ने बताया कि झारखंड में जीएसटी चोरी की सबसे बड़ी रेड है. जांच में बड़े पैमाने पर फर्जी कंपनियों के इनवॉइस मिले हैं. हार्ड डिस्क, मोबाइल व पेन ड्राइव खंगाले जा रहे हैं. पिछले चार सालों से सौरव सिंघल एंड टीम जीएसटी की चोरी कर रही थी. अब तक 150 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है. जांच अभी जारी है. इस खेल में धनबाद के कई बड़े बिजनेसमैन के भी संलिप्त होने की बात कही जा रही है. मास्टरमाइंड सौरव सिंघल की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।