DHANBAD: जिले का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर चर्चा में है। इस बार हंगामा मेडिकल फिटनेस को लेकर है। अभी हाल ही में सिविल सर्जन कार्यालय का घूसकांड का मामला शांत भी नहीं हुआ की मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट में मनमानी और अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप लगा है।
विवादों में घिरा सिविल सर्जन और उनके कार्यालय का लंबा इतिहास
सिविल सर्जन कार्यालय में राजनीति खुले आम जाहिर है।कुछ दिन पहले विकलांग सर्टिफिकेट बनाने के मामले में ACB ने लिपिक उमेश कुमार को घूस लेते रंगे हाथ दबोचा था। लिपिक संजूत सहाय पर से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। सेवानिवृत लिपिक राजाराम सिंह पर घूस लेने के गंभीर आरोप लगे थे।उसके वावजूद मामले पर लीपापोती कर दी जाती है।इसके अलावा अन्य कई लिपिक पर गंभीर आरोप लग चुके है।
आरोप सिर्फ लिपिक पर ही नहीं सिविल सर्जन पर भी लगे है। कई सिविल सर्जन पर तो कारवाई हो चुकी है तो कई पर जांच चल रही है।उसके बावजूद आरोपित लिपिक कुंडली मार कर सिविल सर्जन कार्यालय में जमे हैं। ऐसे में मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। अब अहम सवाल ये भी है कि हेमंत सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगाएगी।
क्या है मामला
ताजा मामला चौकीदार बहाली से जुड़ा है जिसमें चयनित 250 अभ्यर्थियों को 3 फरवरी को जिला कार्यालय में अपनी मेडिकल रिपोर्ट जमा करनी है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मेडिकल रिपोर्ट में हो रही देरी से अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब दे रहा है।
पिछले तीन दिनों से अभ्यर्थी अपनी मेडिकल जांच के लिए एसएनएमएमसीएच और अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं.मेडिकल जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में अभ्यर्थियों ने कार्यालय पर गंभीर आरोप लगा दिए।
अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप
अभ्यर्थियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं. जिसके कारण उनकी रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही है. एक अभ्यर्थी ने बताया कि हम लोग बार-बार कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं बन पा रही है. विभाग की लापरवाही के कारण हम लोगों को मानसिक व शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या कहते है चौकीदार अभ्यर्थी
अभ्यर्थी जीरिया कुमारी ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए अभी से कागजात जमा करने को कहा गया था. परसों से जमा कर रहे हैं. लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. पूछने पर कोई जवाब नहीं दे रहा है.मामला नियुक्ति से जुड़ा है और कल 3 फरवरी को कार्यालय में छुट्टी घोषित है।
अभ्यर्थियों ने बताया कि पहले कहा गया कि 10 बजे से मिलेगा. यहां पहुंचने पर कहा गया कि तीन बजे मिलेगा. सूर्यास्त होने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिल सका. तीन फरवरी को प्रमाण पत्र जमा करना है. अभ्यर्थी के रिश्तेदार रंजीत ने धांधली का आरोप लगाया है. कुछ गिने चुने अभ्यर्थियों को अंदर बुला कर सर्टिफिकेट देने की भी बात कही जा रही है।