जमशेदपुर : मानगो आस्था स्पेस टाउन निवासी और क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सिंह की हत्या पूरी योजना के तहत की गई थी। एसआईटी जांच में सामने आया है कि साजिशकर्ता ने फर्जी सिम कार्ड से व्हाट्सएप कॉल कर उन्हें जमीन दिखाने के बहाने गौड़गोड़ा (डिमना) बुलाया और वहां उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस को घटनास्थल से पहले एनएच के पास का एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें विनय सिंह के साथ दो अलग-अलग स्कूटी पर कुछ संदिग्ध जाते दिखाई दे रहे हैं। इसी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान कर तलाश की जा रही है और लगातार छापेमारी जारी है।
शंकोसाई निवासी जमीन कारोबारी अमित श्रीवास्तव उर्फ जॉनी और रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी नेहाल सिंह समेत 12 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति को रांची से हिरासत में लिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि उसी के मोबाइल नंबर को हैक कर विनय सिंह को कॉल किया गया था।पुलिस की जांच में अमरनाथ सिंह गिरोह के कुख्यात अपराधियों निशु सिंह और छब्बू की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है। इसी सिलसिले में पुलिस ने उनके परिजनों से भी पूछताछ की है, ताकि उन पर दबाव बनाया जा सके।
जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या के बाद विनय सिंह के मोबाइल से कॉल डिटेल और व्हाट्सएप कॉल को डिलीट कर दिया गया, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिल सके। हत्या से पहले उनके और अपराधियों के बीच हाथापाई भी हुई थी, जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। सूत्रों के मुताबिक, विनय सिंह ने अमित श्रीवास्तव को एक फ्लैट के लिए पैसे दिए थे, जिसे अमित ने किसी और को बेच दिया। इसके बाद उसने विनय को गौड़गोड़ा में जमीन दिलाने का वादा किया। पुलिस को शक है कि इसी बहाने उन्हें बुलाकर हत्या की गई। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश होगा।














