जमशेदपुर : एक वर्ष के इंतजार के बाद इस बार फिर इस्कॉन जमशेदपुर द्वारा प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जुन को बिष्टुपुर राम मंदिर से निकाली जाएगी। इस्कॉन भक्तों के साथ साथ शहर के विभिन्न सामाजिक एवम धार्मिक संगठनों तथा हरि भक्तो की कीर्तन मंडली, हरे कृष्णा-हरे राम के महामंत्र की धुन पर अपने प्रभु श्री जगन्नाथ, मां सुभद्रा एवं बलभद्र के रथ को।मौसी बाड़ी तक ले जाएंगे। रथ यात्रा के लिए तीन रथ तैयार किए गए हैं, जिस पर प्रभु श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भैया बलभद्र विराजमान होकर अपने भक्तो के साथ नगर भ्रमण करेंगे।
इस आयोजन में जमशेदपुर एवं आसपास के इलाकों से, हजारों की संख्या में भक्तों के शामिल होने की संभावना है, और यही वजह है इस्कॉन जमशेदपुर, यात्रा से लगभग एक महीने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को बिष्टुपुर आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस्कॉन मंदिर जमशेदपुर के प्रमुख स्वामी पद्मनाभजगन्नाथ दास की अध्यक्षता में संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा की गई।
लगभग 1000 की संख्या में विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवक तीनो रथों की अलग-अलग जिम्मेदारी निभाएंगे। रथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए इस्कॉन जमशेदपुर ने शहर के तमाम सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों का सहयोग लेने का निर्णय लिया। बैठक में रथ यात्रा की पूरी प्रक्रिया, संचालन, प्रक्रिया, संचालन, यात्रा के मार्ग में आने वाली रुकावटें एवं बाधाओं से निपटने की तैयारी, और यात्रा में शामिल भक्तो को असामाजिक तत्वों से किस प्रकार सुरक्षित रखा जाए, इसकी जानकारी दी गई।
यह रथयात्रा दोपहर 2:30 बजे बिष्टुपुर आंध्र भक्त श्री राम मंदिर से आरंभ होकर, गोपाल मैदान जुस्को गोल चक्कर, स्ट्रेट माइल रोड, कीनन स्टेडियम, साक्षी बड़ा गोल चक्कर, होते हुए साकची वाहन पड़ाव स्थल पर जाकर संध्या 7:30 बजे समाप्त होगी। रथ यात्रा के दौरान 4.5 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी एवं रास्ते में जलपान, प्रसाद एवं विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों से लैस स्टॉल की व्यवस्था विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं भक्तों द्वारा की जा रही है।
इस रथयात्रा में मुख्य रूप से अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर एवं सैन्य मातृ शक्ति, दुर्गा वाहिनी, विश्व हिंदू परिषद, क्रीड़ा भारती, द वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी, रोबिन हुड आर्मी, ग्रीन कैप्स, फाउंडेशन, ब्लड वॉरियर्स, साइलेंट टेल्स एनजीओ, आरका जैन यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, सहित दर्जनों छोटे बड़े संगठनो के लगभग 1000 स्वयसेवक प्रभु जगन्नाथ जी को अपनी सेवा देंगे। यात्रा के दौरान शांति एवं सामाजिक सद्भाव का विशेष ध्यान रखने कि अपील की गई है।
