● बोले रघुवर- इंदिरा गांधी सरकार ने संविधान को बेड़ियों में किया कैद
जमशेदपुर : 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लागू आपातकाल के विरोध में भाजपा जमशेदपुर महानगर ने बुधवार को काला दिवस मनाया। गोलमुरी स्थित सीपी समिति सभागार में महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संगोष्ठी में आपातकाल को भारतीय इतिहास का सबसे काला अध्याय बताते हुए लोकतंत्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोकतंत्र सेनानियों को स्मरण कर नमन किया गया। इस दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवर दास मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए। इस दौरान सांसद विद्युत महतो, संगोष्ठी के सह वक्ता अभय सिंह, अभियान के प्रदेश सह संयोजक जटाशंकर पांडेय समेत अन्य नेतागण विशेष रूप से मौजूद रहे। इस दौरान आपातकाल के दौरान जेल गए लौहनगरी जमशेदपुर के लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के अनुभव साझा किए। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं सांसद विद्युत महतो ने आपातकाल के समय जेल में यातनाएं झेलने वाले लोकतंत्र के सजग प्रहरी हरेंद्र सिंह को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया एवं आभार जताया। इससे पहले, पार्टी के पितृपुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं भारत माता की तस्वीर के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर संगोष्ठी का विधिवत शुभारंभ किया। वहीं, संगोष्ठी से पूर्व नेताओं द्वारा पौधारोपण एवं आपातकाल पर आधारित भव्य प्रदर्शनी का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 25 जून, 1975 की मध्यरात्रि में लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे कलंकित अध्याय है। जिस क्षण देशवासियों की आँखें नींद में थीं, उसी समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने की खातिर राष्ट्र पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध और संविधान की आत्मा को बंदी बनाने जैसा था। 21 महीनों तक देश संविधानविहीन और अधिकारहीन स्थिति में चला गया। नागरिकों के मौलिक अधिकार रद्द कर दिए गए, प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गई, और विरोध के स्वरों को कुचलने के लिए मीसा और डीआईआर जैसे काले कानूनों के तहत एक लाख से अधिक लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया।
कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, रामधन सहित हजारों विपक्षी नेता, आरएसएस, आनंद मार्ग और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आगे कहा कि वर्तमान समय में कुछ राजनीतिक दल यह भ्रम फैलाते हैं कि लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। मैं उन्हें कहना चाहता हूँ कि अगर लोकतंत्र को वास्तव में किसी ने कुचला था तो वह था 1975 का आपातकाल था। कांग्रेस के उस तानाशाही दौर और सत्ता के मोह में संविधान को ताले में बंद कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पंच निष्ठाओं में एक प्रमुख निष्ठा मजबूत लोकतंत्र है। भाजपा का यह लोकतांत्रिक संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के आदर्शों के अनुरूप योजनाओं और नीतियों के माध्यम से साकार हो रहा है।
वहीं, सांसद विद्युत महतो ने कहा कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर यह जरूरी है कि देश की युवा पीढ़ी को बताया जाए कि किस प्रकार कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा और संविधान को रौंदने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 25 जून 1975 की रात को देश पर तानाशाही आपातकाल थोप दी गई। आधी रात को संविधान की आत्मा को कुचला गया। संसद और न्यायपालिका को कठपुतली बना दिया गया। नागरिक अधिकारों को रद्द कर दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता पर ताला जड़ दिया गया। और ये सब एक उद्देश्य के लिए हुआ ताकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपनी कुर्सी बचा सकें। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जयप्रकाश नारायण जैसे कई बड़े नेताओं को कैद कर दिया क्योंकि उन्होंने सच बोलने और आवाज उठाने की हिम्मत की। आज यही कांग्रेस, जो संविधान की हत्या की दोषी है उसके नेता लोकतंत्र और संविधान बचाने की बात करते है, यह सिर्फ उनके ढोंग और पाखंड से अधिक कुछ नही है।
वहीं, संगोष्ठी के सह वक्ता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि मुगलों के शासन में धार्मिक आधार पर लोगों को प्रताड़ित किया गया तो अंग्रेजों के शासन में शोषण के जरिए जनता प्रताड़ित होती रही। देश अंग्रेजी शासन से मुक्त हुआ तो यह उम्मीद जगी कि भारत अब प्रताड़ना के दंश से मुक्त हुआ। लेकिन, देश के आजाद होने के लगभग दशक बाद ही तक जनता को ऐसी प्रताड़ना झेलनी पड़ी, जो प्रताड़ना की पराकाष्ठा थी। उस समय इंदिरा गांधी के सबसे बड़े सलाहकार संजय गांधी के गलत निर्णय के कारण देशभर में लोगों को जबरदस्ती पकड़कर नसबंदी कार्यक्रम को चलाया गया, जिसमें हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गयी।
संगोष्ठी के दौरान स्वागत संबोधन गोलमुरी मंडल अध्यक्ष पप्पू उपाध्याय, मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष सह कार्यक्रम के जिला संयोजक बबुआ सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला मंत्री सह कार्यक्रम के सह संयोजक पप्पू सिंह ने किया।
इस अवसर पर भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, पूर्व जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव नारायण शर्मा, देवेंद्र सिंह, चंद्रशेखर मिश्रा, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, जिप परिषद सदस्य कुसुम पूर्ति, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मिथिलेश सिंह यादव, राजन सिंह, कल्याणी शरण, डॉ राजीव, बबुआ सिंह, रेणु शर्मा, संजीव सिंह, अनिल मोदी, पप्पू सिंह, मिली दास, संजीव कुमार, प्रेम झा, बिनोद सिंह, अखिल सिंह, उज्ज्वल सिंह, संजीत चौरसिया, नीलू मछुआ, धर्मेंद्र प्रसाद, हलदर नारायण साह, पप्पू उपाध्याय, जीवन लाल, युवराज सिंह, सूरज सिंह, बबलू गोप, विकास शर्मा, आनंद कुमार, अमित मिश्रा, अरुण मिश्रा, अप्पा राव, धीरज पासवान, प्रोबिर चटर्जी राणा, अमरजीत सिंह राजा, सुमित शर्मा, अशोक सामंत, अमिश अग्रवाल, मोहन कुमार, काजू शांडिल, हरेराम यादव, कपिल कुमार, पंकज शर्मा, संजना साहू, दशमी पूर्ति, मीना सिन्हा, सरस्वती साहू, रानी ठाकुर समेत अन्य कार्यकर्ता व आमजन उपस्थित थे।
