जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मंत्री और धनबाद के पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। बीती रात उनका निधन हो गया। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उन्होंने आखिरी हिचकी ली। ददई दुबे के पोते प्रभात कुमार दुबे उर्फ बडू दुबे ने उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। ददई दुबे के निधन पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। कांग्रेस के पलामू जिला अध्यक्ष जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टू पाठक ने कहा कि उनके निधन से राजनीति को बड़ी क्षति हुई है। कुछ दिन पहले झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अस्पताल में जाकर ददई दुबे से मुलाकात की थी और उनका हालचाल जाना था।
ददई दुबे का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। वे झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके थे और 2014 में धनबाद से सांसद भी चुने गए थे। इसके अलावा वे चार बार पलामू जिले की बिश्रामपुर विधानसभा सीट से विधायक बने। उनका जन्म 2 जनवरी 1946 को गढ़वा जिले के कंडी क्षेत्र में हुआ था। उन्होंने 1970 में राजनीति में कदम रखा और पहली बार मुखिया चुने गए। 1985 में वे पहली बार विधायक बने। 2000 में अविभाजित बिहार में राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में वे श्रम एवं रोजगार मंत्री बने थे। ददई दुबे 1977 में भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) से जुड़े और इसके प्रमुख नेताओं में शामिल रहे। वे 1985, 1990, 2000 और 2009 में बिश्रामपुर सीट से विधायक चुने गए थे। मिली जानकारी के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर पहले दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय ले जाया जाएगा, फिर रांची कांग्रेस कार्यालय लाया जाएगा। अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थान गढ़वा में किया जाएगा।
