जमशेदपुर : सोनारी निवासी पिंकी देवी ने बाल कल्याण समिति को भेजे स्पष्टीकरण पत्र में कहा है कि उनकी बहन रशमी सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और तथ्यहीन हैं। पिंकी देवी ने बताया कि उनकी बहन ने अपनी सबसे छोटी बेटी शानवी राज को जन्म के तुरंत बाद ही त्याग दिया था। बच्ची का जन्म 19 जनवरी 2019 को हुआ था। जन्म के बाद से ही रशमी सिंह के पति संजीत कुमार सिंह बच्ची को स्वीकार नहीं कर रहे थे और उसे बेसुध हालत में गंदे कपड़ों पर रखा जाता था, जिसके कारण उसके शरीर पर घाव हो गए थे। बच्ची कुपोषित हो गई थी और उसकी जान को भी खतरा था।
पिंकी देवी ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी बहन रो-रोकर उनसे गुहार लगाई थी कि वे इस बच्ची को अपने पास रख लें, नहीं तो उसका पति कभी भी उसे मार सकता है। इसके बाद मंझली बहन और परिवार की सहमति से शानवी राज को पिंकी देवी अपने घर ले आईं और तभी से वह बच्ची उनकी बेटी की तरह उनके पास रह रही है। पिंकी देवी ने बच्ची की देखभाल, इलाज और स्कूल की पढ़ाई से जुड़े दस्तावेज भी समिति को उपलब्ध कराए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी बहन और बहनोई की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और वे अक्सर उनसे पैसों की मदद मांगते थे। जनवरी 2025 में उन्होंने 10 लाख रुपये कार खरीदने के लिए मांगे थे। रुपये देने से इनकार करने पर वे लोग शानवी को जबरदस्ती ले जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन बच्ची ने उनके साथ जाने से मना कर दिया। इस पर संजीत कुमार सिंह ने बच्ची के साथ मारपीट भी की थी।
पिंकी देवी ने बताया कि उनके बहनोई का आपराधिक इतिहास रहा है और वे चोरी के आरोप में जेल भी जा चुके हैं। वर्तमान में वे ठेले पर चाट-पापड़ी बेचकर परिवार चलाते हैं। उन्होंने कहा कि शानवी राज उनके और उनके पति के पास सुरक्षित है, वे ही उसकी पढ़ाई-लिखाई और पालन-पोषण कर रहे हैं।
पिंकी देवी ने समिति से निवेदन किया है कि बच्ची की मानसिक स्थिति को देखते हुए यदि पूछताछ करनी ही है तो घर पर, उनकी मौजूदगी में की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी बहन यदि चाहे तो परिवार न्यायालय से उचित आदेश प्राप्त कर सकती हैं, परंतु बाल कल्याण समिति में उनकी शिकायत तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने समिति से अनुरोध किया है कि इस नोटिस को खारिज किया जाए।
