बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से दिल को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। धनौरा टीकरी गांव में शनिवार देर रात आठ माह की गर्भवती महिला की बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी गई। महिला के मायके पक्ष ने इस जघन्य वारदात के लिए ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है।
मृतका की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि……
मृत महिला की पहचान कनक उर्फ कमल के रूप में हुई है, जिसकी शादी इसी वर्ष 10 अप्रैल को धनौरा टीकरी निवासी आशीष से हुई थी। कनक अपने मायके परासौली, थाना बुढ़ाना, जिला मुजफ्फरनगर की रहने वाली थी। वह आठ माह की गर्भवती थी। बताया गया है कि उसका पति आशीष हरिद्वार में एक निजी कंपनी में कार्यरत है।
घटना से पहले का वीडियो बना अहम सबूत…..
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि कनक ने मौत से कुछ घंटे पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। परिजनों के अनुसार, शनिवार रात करीब 10 बजे कनक ने मोबाइल से वीडियो बनाकर अपने मायके वालों को भेजा था। वीडियो में वह घर के बाहर खड़ी होकर अपने पति से बहस करती नजर आ रही थी। कनक ने वीडियो में आरोप लगाया कि उसके पति के किसी युवती से संबंध हैं और इसका विरोध करने पर वह उसके साथ मारपीट करता है।
रात में हुई हत्या, पति हिरासत में……
परिजनों का आरोप है कि उसी रात देर तक मारपीट होती रही और अंततः कनक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मृतका के पति आशीष को हिरासत में ले लिया है। हालांकि, देर शाम तक मायके पक्ष की ओर से लिखित तहरीर नहीं दी गई थी।
ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप…..
थाना प्रभारी दोघट सूर्यदीप सिंह ने बताया कि मृतका के परिजनों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों की तहरीर के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच के केंद्र में घरेलू हिंसा का एंगल….
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में घरेलू हिंसा का मामला सामने आ रहा है। मृतका द्वारा बनाया गया वीडियो जांच में अहम भूमिका निभा सकता है। पुलिस मोबाइल, कॉल डिटेल और अन्य डिजिटल सबूतों की भी पड़ताल कर रही है।
कानून-व्यवस्था पर सवाल…..
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंता पैदा करती है।
