पटना : बिहार पुलिस ने मानव तस्करी, जबरन देह व्यापार और बाल श्रम के खिलाफ एक बड़े अभियान में बीते छह महीनों में राज्य के अलग-अलग जिलों से 271 लड़कियों और 506 बच्चों को बचाया है. ये सभी बच्चे किसी न किसी रूप में शोषण और बंधुआ मजदूरी का शिकार बनाए गए थे. पुलिस मुख्यालय से गुरुवार को जारी बयान में यह जानकारी दी हैं. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2025 से अब तक बचाई गई 271 लड़कियों में से 153 को जबरन ऑर्केस्ट्रा समूहों में नचाया जा रहा था, जबकि 118 लड़कियों को देह व्यापार में धकेला गया था. यह बचाव अभियान रोहतास, सिवान, सारण, बेतिया, गोपालगंज और बेगूसराय सहित अन्य जिलों में चलाया गया।
अभियान में पुलिस के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही. बचाई गई लड़कियों में अधिकांश नेपाल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश की निवासी हैं. इससे मानव तस्करी के अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका जताई जा रही है. अब तक इस मामले में 191 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 23 महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि देह व्यापार में धकेलने के आरोप में 231 एफआईआर, और ऑर्केस्ट्रा में जबरन नचाने के मामले में 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
पुलिस के अनुसार, कुछ लड़कियों को नशे की लत लगाकर देह व्यापार में उतारा गया था, जबकि कई बच्चों को निर्माण कार्य, होटल, ईंट-भट्ठों और खेतों में जबरन मजदूरी कराई जा रही थी. इन बच्चों को पुनर्वास की प्रक्रिया में रखा गया है. बिहार पुलिस ने यह भी बताया कि मानव तस्करी की रोकथाम और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. सभी आरोपियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और शेष दोषियों की तलाश जारी है।
