पटना : बिहार में लोकतंत्र का महापर्व चरम पर है। पहले चरण के मतदान में मतदाताओं ने जमकर उत्साह दिखाया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इस बार 64 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया है — जो पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा है।

बिहार के 38 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर आज सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ था, जो शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। कई इलाकों में शुरुआती सुस्ती के बाद दोपहर होते-होते मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लग गईं।
महिलाओं और युवाओं ने दिखाई लोकतंत्र के प्रति जागरूकता
बिहार के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने इस बार मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कई बूथों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही। वहीं पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में भी जबरदस्त जोश देखने को मिला।
प्रमुख जिलों में रिकॉर्ड मतदान
गया, नवादा, भोजपुर, नालंदा और सीवान जिलों में औसत से अधिक वोटिंग हुई।
भागलपुर और मुजफ्फरपुर में भी लोगों ने सुबह से ही वोट डालने के लिए लाइनें लगाईं।
कुछ इलाकों में तकनीकी दिक्कतों के कारण मतदान में थोड़ी देर जरूर हुई, लेकिन चुनाव शांतिपूर्ण रहा।
बंपर वोटिंग के कई मायने
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बंपर वोटिंग सत्ता परिवर्तन का संकेत भी हो सकता है। बढ़े हुए मतदान प्रतिशत से सभी दलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं।
पहले चरण में मुख्य मुकाबला राजद-भाजपा-जदयू और कांग्रेस गठबंधन के बीच माना जा रहा है।
चुनाव आयोग ने दी राहतभरी रिपोर्ट
चुनाव आयोग ने बताया कि पूरे राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा। कहीं से भी किसी बड़े उपद्रव या हिंसक घटना की खबर नहीं है। सुरक्षा बलों की चौकसी और प्रशासन की सतर्कता की वजह से मतदान सकुशल संपन्न हुआ।
अब निगाहें दूसरे चरण पर
पहले चरण की सफलता के बाद अब सभी की निगाहें दूसरे चरण के मतदान पर हैं। राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रचार की रफ्तार तेज कर दी है। बंपर वोटिंग के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि “अबकी बार बिहार का जनादेश ऐतिहासिक होने वाला है।”



