वाराणसी- प्रयागराज : उतराखंड में पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से गंगा और उसकी सहायक नदियों में इन दिनों बाढ़ हुई है। बाढ़ की वजह से वाराणसी और प्रयागराज की निचली बस्तियों में पानी भर गया हैं। वहीं सैंकड़ों गांवों में पानी भरा हुआ है। गंगा और वरुणा नदी में आए बाढ़ के कारण सैरयां, ढेलवरिया, नक्की घाट और शैलपुत्री क्षेत्र में लोग बेहद परेशान है। लोगों को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए प्रशासन दिन रात जुटा हुआ है। फिर भी लोगों को काफी परेशानी हो रही हैं, कहीं नाव नहीं मिल रही तो कहीं घर में फंसे लोग भोजन व दवा और पानी का इंतजार करना पड़ रहा है।
गंगा ने दिखाया रौद्र रूप…
बाढ़ के पानी से बनारस पूरी तरह से घिर गया है। गंगा के रौद्र रूप के कारण वरुणा में पलट प्रवाह से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। शनिवार को गंगा खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थींं। हालांकि बढ़ाव की रफ्तार दिन भर कम होने के बाद रात में बढ़ गई और दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ने लगा।
प्रयागराज में घरों में भरा पानी….
वाराणसी के साथ ही प्रयागराज के गंगा किनारे के मोहल्लों में पानी हुआ हैं, लोग छतों और राहत शिविरों में शरण लिए हुए। फिर भी बहुत से लोग अपनी गृहस्थी का सामान लेकर छतों पर बैठे है। प्रयागराज के सलोरी का कैलाशपुरी मोहल्ला चारों तरफ से बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। हर तरफ गंदगी का अंबार है। कई दिनाें से यहां ऐसे ही हालात हैं। एनडीआरएफ की टीम फंसे तथा बीमार लोगाें को निकालने के लिए पहुंच रही है। बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में लोगों का यही हाल है।
तेजी से बढ़ रहा जलस्तर….
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार को भोर में गंगा के जलस्तर के बढ़ाव की रफ्तार में कमी आई। गंगा का जलस्तर शनिवार सुबह से एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था लेकिन रात आठ बजे से जलस्तर की रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा हो गई। पानी का प्रसार अब तेजी से शहरी आबादी व बस्तियों में होने लगा है। वर्तमान में करीब 15 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। गंगा के तटवर्ती इलाकों में फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। अस्सी से राजघाट तक सभी घाट अब जलमग्न हो चुके हैं और बाढ़ का पानी गलियों की ओर रुख कर चुका है।