PATNA। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिया गया विवादित बयान अब चुनावी मुद्दा बन गया है। पीएम मोदी ने इसे सीधे महिलाओं के सम्मान से जोड़ दिया है। मध्यप्रदेश के गुना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े नेता विधानसभा के अंदर माताओं-बहनों के लिए ऐसी भद्दी बातें कर रहे हैं, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इस मुद्दे के उछलने के बाद नीतीश ने माफी मांग ली है, लेकिन राज्य में विपक्षी दल भाजपा इसे लेकर उन्हें और पूरे इंडिया गठबंधन को घेरने का मौका चूकने को तैयार नहीं है।
विधानसभा में नीतीश के बयान पर नहीं थम रहा बवाल
जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि कल आपने अखबार और टीवी पर एक घटना देखी होगी। इंडिया अलाइंस के एक बहुत बड़े नेता, जो इनका झंडा लेकर घूम रहे हैं, उस नेता ने विधानसभा में माताओं-बहनों की उपस्थिति में ऐसी भद्दी भाषा में बातें की, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। शर्म भी नहीं आई उनको इंडिया अलाइंस के एक भी नेता ने माताओं-बहनों के इतने भयंकर अपमान पर एक शब्द भी नहीं बोला।
नीचे भी पढ़े...
पीएम मोदी ने इसके बाद मंच से रैली में मौजूद जनता से सवाल पूछा। उन्होंने कहा, जो लोग महिलाओं के बारे में ऐसा सोचते हैं, क्या वे आपके लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं? जिनका हमारी माताओं और बहनों के लिए ऐसा राक्षसी नजरिया है, वे हमारे देश की बेइज्जती कर रहे हैं। तुम लोग (विपक्षी गठबंधन) और कितना नीचे गिरोगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार चाहे केंद्र में हो या मध्यप्रदेश में, माताओं-बहनों की सुविधा और सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है। भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश की 80 लाख से अधिक बहनों को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस का कनेक्शन मिला है। इनमें से पौने 2 लाख बहन-बेटियां तो हमारे इस गुना की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की भूमिका का लगभग ग्राफिक्स खींचने वाले अंदाज में ब्योरा पेश किया। दूसरे शब्दों में कहें, तो उन्होंने मजाक उड़ाने वाले अंदाज में बोलते हुए पूरी ‘यौन क्रिया’ की प्रक्रिया का ही बखान कर दिया। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बिहार विधानसभा में मौजूद भाजपा विधायकों ने इस पर हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा ही नहीं, बिहार सरकार में नीतीश की सहयोगी कांग्रेस की महिला विधायकों ने भी मुख्यमंत्री के बयान को अश्लील और असभ्य बता दिया।
महिला आयोग ने की थी माफी की मांग
बिहार के मुख्यमंत्री ने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए राज्य विधानसभा में एक विवरण रखा कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संबंध बनाने से रोक सकती है। महिला आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “ऐसी टिप्पणियां न केवल प्रतिगामी हैं, बल्कि महिलाओं और उनकी पसंद के अधिकारों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देशभर की महिलाओं से माफी की मांग की थी।” आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, “इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तत्काल माफी की मांग करती हूं। विधानसभा में उनकी अभद्र टिप्पणी उस गरिमा और सम्मान का अपमान है, जिसकी हर महिला हकदार है।”
हालांकि, बिहार सीएम नीतीश कुमार की टिप्पणी का आरजेडी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बचाव किया है। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार यौन शिक्षा के बारे में बात कर रहे थे, जो स्कूलों में पढ़ाई जाती है और उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
नीतीश कुमार को विधानसभा में मांगनी पड़ी माफी
इस पूरे मामले में विवाद गर्माते देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में ही माफी मांग ली, लेकिन यह दावा भी किया कि उनकी बात को गलत तरीके से समझा गया है, जिसे लेकर वे शर्मिंदा हैं। इसके बावजूद पीएम मोदी ने नीतीश के जरिये पूरे विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधकर साबित कर दिया है कि फिलहाल यह मुद्दा नीतीश कुमार की माफी से ठंडा नहीं होने वाला है।