नई दिल्ली : स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है. यह हमेशा साथ में रहता है. इसके बावजूद बहुत से लोग स्मार्टफोन की सेफ्टी को नजरअंदाज करते हैं. ऐसे ही लोगों को याद दिलाने के लिए सरकारी एजेंसी कंज्यूमर अफेयर्स (जागो ग्राहक जागो) नाम के X अकाउंट ने एक पोस्ट किया है. पोस्ट में बताया है कि भूलकर भी गलत चार्जर का यूज नहीं करना चाहिए. अक्सर लोग सस्ते चार्जर के चक्कर में सब स्टैंडर्ड चार्जर खरीद लेते हैं, जो किसी भी सुरक्षा मानक को फॉलो नहीं करते हैं. ऐसे में वे सब स्टैंडर्ड चार्जर आपको और आपके स्मार्टफोन को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं. स्मार्टफोन का चार्जर बिना CRS मार्क देखकर ना खरीदें. बिना CRS मार्क वाला चार्जर आपके फोन और आपके लिए खतरा साबित हो सकता है. पोस्ट में दिखाया है कि CRS मार्क कैसा होता है।

सब स्टैंडर्ड चार्जर क्या होते हैं…?
सब स्टैंडर्ड चार्जर की कैटेगरी में ऐसे चार्जर को रखा जा सकता है, जो ब्रांडेड ना हों।
उनपर नकली नाम और फेक ब्रांड का नाम हो।
सर्टिफाइड ना हो उन पर CRS आदि का मार्क ना लगा हो।
खराब क्वालिटी के कंपोनेंट से तैयार किया जाते हों।
असली चार्जर को कॉपी करके बनाए जाते हों।
सब स्टैंडर्डर चार्जर के क्या हैं नुकसान….?
दरअसल, सब स्टैंडर्ड चार्जर की वजह की वजह से आपका स्मार्टफोन खराब हो सकता है. स्मार्टफोन में एक चार्जिंग कैपिसिटी होती है. ऐसे में अगर स्मार्टफोन की बैटरी ज्यादा तेजी से चार्ज होगी तो इससे मोबाइल को नुकसान होगा।
पहला उसकी बैटरी या फिर हैंडसेट खराब हो जाएगी. इससे बैटरी बैकअप खराब खराब हो जाएगा।
सब स्टैंडर्ड चार्जर का यूज करने की वजह से मोबाइल का मदरबोर्ड खराब हो सकता है।
इसकी रिपेयरिंग लागत ज्यादा है। इलेक्ट्रिक शॉक या मोबाइल में स्पार्किंग भी हो सकती है. ऐसे में फोन खराब हो जाएगा।
मोबाइल में आग तक लग सकती है, जो आपके और आपके परिवार के लिए भी खरतरनाक साबित हो सकता है।



