पुलिस ने अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद 18 मार्च से ही वह फरार था. अमृतपाल पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
अहम जानकारियां
- ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब की मोगा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अमृतपाल 37 दिनों से फरार चल रहा था. खालिस्तानी समर्थक नेता अमृतपाल सिंह को खोजने के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. लेकिन वो लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा.
- सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर करने से पहले मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे में एक सभा को संबोधित किया.अधिकारियों ने बताया कि उसे गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया. मोगा जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है.
- अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जा रहा है, जहां उसके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद हैं. अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था, जब पंजाब पुलिस ने उसके ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों पर एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी.
- इस दौरान पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिनमें अमृतपाल नजर आ रहा है, लेकिन तब उसकी गिरफ़्तारी नहीं हो पाई थी. अमृतपाल 19 मार्च को हरियाणा भाग गया था. पुलिस अमृतपाल के कुछ साथियों को गिरफ्तार कर असम की जेल में भी भेज चुकी है.
- अमृतपाल को राज्य में बीते कुछ दिनों से जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 भी कहा जा रहा है. कारण यह कि वो भी उनकी ही तरह सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है.
- साल 1980 में भिंडरा वाले ने भी सिखों के लिए उक्त मांग उठाई थी, जिससे राज्य भर में खलबली मच गई थी. सिंह भिंडरावाले के तरह भारी पगड़ी बांधता है और भड़काऊ भाषण देता है, जो युवाओं में जोश भर देता है. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को दीप सिध्दू ने बनाया था.
- दीप सिध्दू की सड़क हादसे में मौत के बाद कुछ ही महीने पहले दुबई से लौटे अमृतपाल ने संगठन की जिम्मेदारी संभाली. उसने संगठन की वेबसाइट बनाई और लोगों को उससे जोड़ना शुरू कर दिया. अमृतपाल मूलतः पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहनेवाला है और उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है. उसकी पढ़ाई गांव के है स्कूल में हुई है.
- साल 2012 में वो दुबई चला गया था, जहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर संबंधी दुबई में ही रहते हैं. उसका नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में सामने आया था. पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले में अमृतपाल का भी नाम जोड़ने की पुलिस से गुहार लगाई थी. ऐसे में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद कर दिया था.
- 30 साल का अमृतपाल सिंह शादीशुदा है. उसने इसी साल 10 फरवरी को अपने पैतृक गांव में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की. आनंद कारज में दोनों परिवारों के लोग शामिल हुए. किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की हैं, लेकिन कुछ समय पहले उनका परिवार इंग्लैंड में बस गया था.
- 23 फरवरी को खालिस्तानी समर्थक नेता अमृतपाल सिंह ने साथियों के साथ अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. इससे पंजाब पुलिस की जमकर किरकिरी हुई. इससे सरकार भी सतर्क हो गई. इसके बाद ही अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई का फैसला हुआ.
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