मणिपुर : मणिपुर के जिरीबाम जिले में तीन शवों के मिलने के बाद राज्य में हिंसा और आक्रोश फैल गया है. शनिवार (16 नवबंर 2024 ) को इंफाल घाटी के कई इलाकों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. तीनों शवों के लेकर कहा जा है कि ये वही लोग हैं जो कुछ दिन पहले जिरीबाम से लापता हो गए थे. मृतकों में एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं. शवों की बरामदी की खबर फैलते ही लोग सड़कों पर उतर आए, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम और अन्य जिलों में टायर जलाकर सड़कों को ब्लॉक कर दिया. इसी बीच, स्थानीय बाजारों और दुकानों को बंद कर दिया गया, और इंफाल में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। जिरीबाम में शव मिलने के बाद से तनाव बढ़ गया है और मणिपुर की राजधानी इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने इस हिंसा के बाद शनिवार (16 नवंबर 2024) को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का आदेश दिया. स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि उग्रवादियों ने भागते वक्त इन लापता लोगों का अपहरण किया था. इस मामले पर मैती संगठनों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए दावा किया कि उग्रवादियों के हाथों ये लोग मारे गए हैं. हालांकि, पुलिस का कहना है कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. 16 नवंबर, 2024 से प्रभावी इस आदेश के तहत, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, और अन्य प्रभावित जिलों में इंटरनेट सेवाएं दो दिन तक निलंबित रहेंगी. यह कदम राज्य में अफवाहों और भड़काऊ कंटेट के फैलने को रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है. सरकार ने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार इस हिंसा को लेकर नकारात्मक रवैया अपनाए हुए हैं. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में हिंसा और आगजनी की घटनाएं जारी हैं और इस बीच प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर गए हुए हैं. पार्टी ने मणिपुर में शांति और सुरक्षा की बहाली के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।