बोकारो : पूर्व मंत्री सह बोकारो के पूर्व विधायक 81 वर्षीय समरेश सिंह ने बोकारो स्थित आवास में अपनी अंतिम सांस ली. पिछले काफी समय से उनके बीमार होने की खबरें आ रही थी. समरेश सिंह ने बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड में लालपुर पंचायत अंतर्गत देवलटांड़ गांव स्थित पैतृक आवास में आज सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली। 12 नवंबर को तबीयत खराब होने पर समरेश सिंह को पहले बोकारो और फिर रांची स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 16 दिनों तक चले इलाज के बाद 29 नवंबर को समरेश सिंह वापस बोकारो लौटे थे।
पूर्व मंत्री समरेश सिंह के निधन की सूचना मिलते ही बोकारो में बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग उनके आवास पर जुटने लगे हैं। कई वरीय नेता भी वहां पहुंचे हैं और दिवंगत समरेश सिंह के शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक समरेश सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।
समरेश सिंह भाजपा के संस्थापक सदस्य में गिने जाते हैं. लोग इन्हें प्यार से दादा बोलते थे. भाजपा को कमल निशान देने का श्रेय इन्हीं को जाता है. बताया जाता है कि मुंबई में 1980 में आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव इन्हीं का था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी. 1977 के चुनाव में कमल निशान पर ही इन्हें जीत मिली थी. बाद में समरेश भाजपा से 1985 व 1990 में बोकारो से विधायक निर्वाचित हुए।
इनके साथ श्री इंदर सिंह नामधारी की जोड़ी खूब जमती थी. दोनों ने मिलकर भाजपा से विद्रोह करते हुए 13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया था. हालांकि, कुछ ही दिनों के बाद संपूर्ण क्रांति दल का विलय भाजपा में कर दिया गया. इसके बाद भी वह टिकट नहीं मिलने पर भाजपा से अलग हुए थे. 2009 में झाविमो के टिकट पर विधायक बने. बाद में भाजपा में शामिल हो गये. पर 2014 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय लड़े व हार गए थे।