इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने एक स्कूटी को टक्कर मार दी, जिससे उसपर सवार दो महिलाओं की मौत हो गई.. शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि आरोपी ड्राइवर अपने दोस्त को बर्थडे केक पहुंचाने की जल्दी में था इसलिए वह रॉन्ग साइड में गाड़ी चला रहा था। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन के बाद आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। रविवार को इंदौर के खजराना में एक्सीडेंट के बाद आरोपी ड्राइवर कार लेकर मौके से फरार हो गया था।
#इंदौर : तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने स्कूटी सवार दो युवतियों को मारी जोरदार टक्कर
— DINESH SHARMA (@medineshsharma) September 15, 2024
एक्सीडेंट का सीसीटीवी भी आया सामने
अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों युवतीयों की हुई मौत
ड्राइवर गाड़ी को छोड़कर हुआ फरार, खजराना थाना पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी #Indore #MadhyaPradesh pic.twitter.com/lhFaHzFV5n
28 साल का ड्राइवर गजेंद्र प्रताप सिंह ग्वालियर का रहने वाला है और इंदौर के सनसिटी में रह रहा था। असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर कुंदन मंडलोई ने बताया, ‘शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी अपने दोस्त के जन्मदिन पर केक देने की जल्दी में था, इसलिए उसने रॉन्ग साइड गाड़ी चलाई।’ पुलिस ने यह भी बताया कि सिंह इंदौर के एक बीपीओ में काम करता है और कुछ समय पहले ही उसने सेकेंड हैंड कार खरीदी थी। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि दो लड़कियां लक्ष्मी तोमर (24) और दीक्षा जादौन (25) खजराना में गणेश मंदिर मेले में भाग लेने के बाद अपनी स्कूटी पर घर लौट रही थीं। रविवार रात करीब 11.30 बजे रॉन्ग साइड से आ रही एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी और दोनों महिलाएं सड़क पर गिर गईं, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गईं। खजराना पुलिस थाने के प्रभारी मनोज सिंह सेंधव ने पीटीआई को बताया, ‘प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बीएमडब्ल्यू कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर के कारण दोनों महिलाएं सड़क पर गिर गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।’ परिवार के एक सदस्य ने बताया कि पीड़िता लक्ष्मी तोमर अपने परिवार की एकमात्र कमाऊ सदस्य थी, क्योंकि पिछले साल उसके पिता का निधन हो गया था। मूल रूप से शिवपुरी की रहने वाली तोमर इंदौर में काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही थी। वहीं दीक्षा जादौन ग्वालियर की रहने वाली थी और एक पब्लिक सेक्टर बैंक की ब्रांच में काम करती थी।