लोकतंत्र सवेरा : चंपाई सोरेन अब भाजपा में आ गये हैं। राजनीति के जानकारों की नजर से 2024 के विधानसभा चुनाव में इसका बड़ा असर पूरे झारखंड और खासकर कोल्हान क्षेत्र में पड़ेगा। झामुमो को झटका लगेगा, लिहाजा अभी से ही हेमंत सोरेन डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं। खबर है कि करीब दर्जन भर नेता को कोल्हान में चंपाई की भरपाई और उनकी काट के लिए रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी दी गयी है। आंकड़ों में देखें तो कोल्हान में सभी 14 सीट BJP हार गयी थी। आपके आने से क्या BJP को लाभ होगा?
इसपर उन्होंने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए. आगे चलकर सबकुछ आईना की तरह साफ हो जाएगा. क्या CM बनने का मौका BJP में मिला तो बनेंगे? उन्होंने कहा, ”BJP में कुछ नीति नियम है. किस क्षेत्र में काम करने का मौका दिया जाएगा. उसी हिसाब से काम करेंगे। ” झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बीजेपी से जुड़ने के कारण अब बीजेपी को हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव प्रचार के लिए एक बड़ा कद्दावर आदिवासी नेता मिल गया है। चंपाई सीधे हेमंत सोरेन को टारगेट कर सकते हैं. वह विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हो सकते हैं।
चंपाई स्टार प्रचारक के तौर पर सरायकेला से दुमका तक आदिवासी वोटरों को साध सकते हैं. वह हेमंत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तीखा हमला बोल सकते हैं. चंपाई सोरेन संथाली आदिवासी हैं. सोरेन परिवार की ताकत यही आदिवासी समूह है. चंपाई के भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद संथाली मतदाता बीजेपी का रुख कर सकते हैं। कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम में छह सीटें हैं. इनमें बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर (पूर्व) और जमशेदपुर (पश्चिम) में 2020 के चुनाव में इन छह सीटों में से चार सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव जीता था।
एक सीट जमशेदपुर (पश्चिम) में कांग्रेस के बन्ना गुप्ता और जमशेदपुर (पूर्व) से बीजेपी के बागी निर्दलीय सरयू राय ने जीत हासिल की थी. बड़ी बात यह थी कि इस क्षेत्र से तत्कालीन सीएम रघुबर दास को हार मिली थी और बीजेपी का खाता नहीं खुल सका था, यानी कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम से भाजपा पूरी तरह साफ हो गई थी। वहीं, कोल्हान के सरायकेला खरसावां जिले में भी तीन विधानसभा सीटें हैं. इनमें ईचागढ़, खरसावां, सरायकेला पर भी 2020 में जेएमएम ने ही जीत प्राप्त की थी. इसके साथ ही पश्चिमी सिंहभूम की चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर की पांच विधानसभा सीटों पर 2020 के चुनाव में चार सीटें जेएमएम ने जीती थी. वहीं, एक सीट जगन्नाथपुर में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. यानी कोल्हान इलाके की 14 विधानसभा सीटों में से जेएमएम ने 11, दो कांग्रेस ने जीतीं और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. यानी भाजपा को बहुत बड़ा झटका लगा था।