नई दिल्ली : पाकिस्तान के कराची में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकवादी अदनान अहमद उर्फ हंजला अहमद की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। अदनान अहमद को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हफीज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता था। स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, अदनान अहमद को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अदनान अहमद की हत्या ने एक बार फिर पाकिस्तान में इसी साल भारत विरोधी तत्वों की रहस्यमयी हत्या को सामने ला दिया है।
अक्टूबर में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकवादी दाऊद मलिक को अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान में मार गिराया था। दाऊद मलिक को वांछित आतंकवादी मौलाना मसूद अज़हर का करीबी सहयोगी माना जाता था। मलिक की उत्तरी वज़ीरिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मलिक लश्कर-ए-जब्बार का संस्थापक था और भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक अज़हर का करीबी सहयोगी भी था।
इस वर्ष (2023) में भारत के कई दुश्मन मारे गए हैं। जिसमें लश्कर प्रमुख हाफ़िज़ सईद के डिप्टी और जमात-उद-दावा नेता अब्दुल सलाम भुट्टावी, कनाडा स्थित प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के करीबी सहयोगी शाहिद लतीफ और उनके भाई हारिस हाशिम शामिल है। भारत सरकार भारत में इन वांछित आतंकवादियों के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि, उनकी हत्याओं के कारण पाकिस्तान और कनाडा ने भारत सरकार पर आरोप लगाए हैं।
कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच एक बड़ा राजनयिक विवाद पैदा हो गया था। इस बीच ब्रिटेन में एक और खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की भी मौत हो गई। अदनान अहमद के साथ गोलीबारी की लेटेस्ट घटना पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के बीच युद्ध के सवाल उठाती है। पिछले कुछ हफ्तों में भारत में वांछित कई आतंकवादियों को पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया है।
11 अक्टूबर को भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक और 2016 के पठानकोट आतंकी हमले के मामले में एक प्रमुख साजिशकर्ता शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 1 अक्टूबर को लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व सदस्य और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मुफ्ती कैसर फारूक भी पाकिस्तान में मारे गए। यह घटना लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक अन्य मौलवी मौलाना जियाउर्रहमान की हत्या से काफी मिलती-जुलती है।
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