मेरठ : मेरठ में तीन नागा साधुओं की पिटाई में बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं. दबंग तीनों साधुओं पर लाठी डंडे बरसाते रहे और वो चीखते रहे. लाठी डंडे बरसाने वाले इतने बेरहम थे कि उन्हें रोते बिलखते साधुओं की चीखें नहीं सुनाई दी. पास ही खड़े लोग तमाशबीन बने रहे और दबंग लाठियां बरसाते रहे. साधुओं की पिटाई का मामला तूल पकड़ा हुआ है. सवाल उठ रहा है कि आखिर कानून हाथ में लेने के हक इन लोगों को किसने दे दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई।
जिसमें तीन नागा साधुओं पर जानवरों की तरह लाठी डंडे बरसाए जा रहे हैं, साधु रहम की भीख मांग रहे थे, लेकिन तीनों के रहम मांगने की आवाज लाठी डंडों में गुम होती नजर आ रही है. तीनों साधुओं को बंधक बनाया गया और फिर पीटना शुरू कर दिया गया, उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दीं. जिसने भी इस वीडियो को देखा उसकी रुह कांप उठी, उसका कलेजा बैठ गया। यह मामला मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके के प्रहलाद नगर का है. यहां तीन नागा साधु भिक्षा मांगने आए थे। तभी कुछ दबंगों ने उन्हें रोक लिया।
लाठियां बरसा दी. कभी गोत्र पूछा गया और कभी हनुमान चालीसा सुनाने को कहा गया. महामृत्युंजय जाप भी सुनाने को कहा, लेकिन हर जवाब में लाठियां बरसती रही. साधु रो रहे थे, चीख रहे थे लेकिन जितनी चीखें थी उतनी लाठियां बरस रही थी। वहीं तीन साधुओं की पिटाई का मामला लिसाड़ी गेट थाने पहुंचा था. आरोप लगाया जा रहा है कि मामले को हल्के में लिया गया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इस पूछताछ की गई तो पता चला तीनों ही साधु हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले हैं।
हरियाणा भी फोन किया गया तो तसदीक हो गई कि तीनों ही साधु हैं कोई फर्जी या नकली बाबा नहीं हैं. हालांकि पुलिस के इतने बड़े मामले को हल्के में लेने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अगर साधुओं की पिटाई की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल ना होती तो हकीकत सामने ना आती। यह मामला रफा दफा हो गया था लेकिन तीनों साधुओं की पिटाई की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हंगामा खड़ा हो गया. एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह बेहद गुस्से में दिखे और लिसाड़ी गेट थाना पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिया. एसपी सिटी का कहना है कि तीन आरोपी पुनीत, हिमांशु और मिक्की को गिरफ्तार कर लिया गया है और वायरल वीडियो के आधार पर बाकी की पहचान कराई जा रही है, किसी को नहीं बख्शेंगे सख्त एक्शन लेंगे।