उत्तरकाशी (उत्तराखंड) : टनल के अंदर काम कर रहे बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए सुरंग के ऊपर से खुदाई की तैयारी है. वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ले जाया जा रहा है. इससे पहले तक माना जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन मलबे में ड्रिंलिग का काम जल्द पूरा करेंगी और मजदूर निकाल लिए जाएंगे. लेकिन शनिवार सुबह-सुबह ऐसी खबर आई जो पूरे देश को मायूस कर गई. मलबे को भेद पाने में ऑगर मशीन नाकाम रहीं. उसके ब्लेड टूट गए और मशीन बेदम हो गई।
अब जब टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का प्लान बन रहा है तो यह जानना जरूरी है, कि क्या है वर्टिकल ड्रिलिंग और यह कैसे काम करेगी. आईआईटी गुवाहाटी में सिविल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर विवेक पद्मनाभ वर्टिकल ड्रिलिंग के बारे में बताते हुए कहते हैं कि, ‘जब हम सुरंग बनाने की कोशिश करते हैं तो मिट्टी और चट्टानों पर भारी मात्रा में दबाव पड़ता है, या इसे भू-तनाव भी कहा जाता है और इससे संतुलन बिगड़ जाता है।
दरअसल, वर्टिकल ड्रिलिंग प्लान B का हिस्सा था. इसकी चर्चा जोरों पर है. इस प्लान के तहत टनल में वर्टिकली 86 मीटर की खुदाई होनी है. हालांकि इसको लेकर अबतक रेस्क्यू टीम में जुटी एजेंसियों ने कोई फाइनल फैसला नहीं किया है. लेकिन माना जा रहा है इस प्लान पर आगे बढ़ा जा सकता है. वहीं टनल के दूसरे सिरे से भी हॉरिजॉन्टल खुदाई जारी है. अबतक दूसरे सिरे से खुदाई के लिए 3 ब्लास्ट किए जा चुके हैं।