लोकतंत्र सवेरा : मंगलवार सुबह नेपाल, तिब्बत और बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई, जबकि तिब्बत में यह 6.8 रही। बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में सुबह 6:40 बजे धरती हिली। झटके करीब 5 सेकंड तक महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र और कारण
यूएसजीएस के अनुसार, नेपाल में भूकंप का केंद्र गहराई में था। भूकंप टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल के कारण होता है। धरती के नीचे सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती, रगड़ती या एक-दूसरे से दूर जाती हैं, तो जमीन हिलने लगती है, जिसे भूकंप कहा जाता है।
भूकंप की तीव्रता और असर
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। हर बढ़ता स्केल पिछले स्केल से 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
2-3 तीव्रता: हल्का कंपन, पता मुश्किल से चलता है।
4-5 तीव्रता: खिड़कियां टूट सकती हैं, फ्रेम गिर सकते हैं।
6-7 तीव्रता: इमारतों को नुकसान, ऊपरी मंजिलों को खतरा।
7-8 तीव्रता: इमारतें गिर सकती हैं, जमीन में दरारें पड़ सकती हैं।
8+ तीव्रता: पुल, इमारतें, हर चीज तबाह, सुनामी का खतरा।
बिहार में असर
बिहार के कई जिलों में सुबह-सुबह झटकों से लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। लोग इन झटकों से घबराए जरूर हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।
क्या करें भूकंप के दौरान?
भूकंप के दौरान तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं। घर में हैं तो किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें। खुले मैदान में खड़े हों तो दूर रहें। ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए हमेशा सतर्क रहना जरूरी है।
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