वॉशिंगटन : सूर्य से अविश्वसनीय रूप से बड़ी ऊर्जा तरंगें निकलती हैं, जिन्हें सौर सुपरफ्लेयर कहते हैं। वैज्ञानिक धीरे-धीरे इन्हें लेकर चिंतित हो रहे हैं. पहले वे सोचते थे कि ये घटनाएं लगभग एक हजार साल में एक बार होती हैं। हाल ही में यह पता चला कि ऐसा अक्सर हो सकती हैं। यह मायने रखता है क्योंकि हम सैटेलाइट, जीपीएस और पावर ग्रिड जैसी बहुत सारी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। एक बड़ी सौर ज्वाला यह सब गड़बड़ा सकती है। सवाल है कि क्या हम इसके लिए तैयार हैं?
सौर ज्वालाएं ऊर्जा विस्फोट हैं, जिन्हें सूर्य अंतरिक्ष में निष्कासित कर देता है। मामूली सौर ज्वालाएं आसानी से मामूली व्यवधान पैदा कर सकती हैं, जैसे रेडियो सिग्नल या जीपीएस में गड़बड़ी हो सकती है। हालांकि, एक सौर सुपरफ्लेयर काफी अधिक शक्तिशाली है। नियमित फ्लेयर की तुलना में इसमें लाखों गुना ज्यादा ऊर्जा निकलेगी। यह विस्फोट प्रकाश की गति से चलते हैं, ऐसे में इन्हें पृथ्वी तक पहुंचने में कुछ ही मिनटों का समय लग सकता है।
क्या हो सकती है दिक्कत……
छोटी सौर ज्वालाएं अस्थायी समस्या पैदा करती हैं, लेकिन एक सुपरफ्लेयर विनाशकारी हो सकती है। यह सैटेलाइटों को नष्ट कर सकता है, बिजली ग्रिडों को बंद कर सकता है और दुनिया भर में संचार प्रणालियों को बाधित कर सकता है। क्षति कई दिनों या हफ्तों तक रह सकती है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में महत्वपूर्ण समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
नए अध्ययन में खुलासा……
रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिकों का लंबे समय से मानना था कि सूर्य की सुपरफ्लेयर होती है, लेकिन कभी कई हजार वर्षों में यह एक बार निकलती है। डॉ. वैलेरी वसीलीव ने दिसंबर 2024 में साइंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में उन्होंने 50 हजार से ज्यादा सितारों के डेटा की जांच की। उन तारों को लगभग 100 वर्षों में एक बार सुपरफ्लेयर का अनुभव होता है। इस नई खोज ने चिंता पैदा कर दी है। अगर सूर्य उन सभी अन्य सितारों की तरह होने जा रहा है तो हमने जितना सोचा था, उससे ज्यादा सुपरफ्लेयर देखेंगे। पृथ्वी इससे खतरे में पड़ सकती है।