रायपुर : पिछले दिनों झारखंड में एक स्कूल में भूत होने की अफवाह उड़ी थी, जिसके बाद शिक्षक भी स्कूल जाने से डरने लगे थे। अब झारखंड से ही मिलती-जुलती कहानी छत्तीसगढ़ से भी सामने आयी है, जहां मनेंद्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर जिले के खड़गवां ब्लॉक में भूत के डर से स्कूल में ताला लटक गया है। परिजन डर से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2 साल में इस स्कूल के 5 शिक्षकों की मौत हो गयी है। जिस तरह से अचानक से मौत हुई, उससे स्थानीय लोगों में भूत का डर बैठ गया है। मामला सावला ग्राम पंचायत के बसेलपुर में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला का है।
जानकारी के मुताबिक सावला गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसेलपुर में बीते 2 साल में 5 शिक्षकों की विभिन्न कारणों से मौत हुई है। स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक श्याम बिहारी की हाल ही में 11 अप्रैल को मौत हुई। उनकी जगह पर दूसरी शिक्षिका मोनिता वर्मा की नियुक्ति हुई। लेकिन फिलहाल वे छुट्टी पर हैं। ग्रामीणों के मुताबिक यहां पदस्थ शिक्षक वीरेंद्र सिंह की ब्रेन हेमरेज से मौत हुई थी।
वहीं एक अन्य शिक्षक चंद्रप्रकाश पैकरा अचानक घर में बैठे-बैठे खत्म हो गए। स्कूल से रिटायर होने के बाद प्रधान पाठक धरम साय की भी आकस्मिक मौत हो गई। एक और शिक्षक का भी अचानक ही निधन हो गया। इसी माह की 11 तारीख को यहां पांचवीं मौत विद्यालय के शिक्षक श्याम बिहारी की हुई, जिनके हाथ-पैर में अचानक दर्द उठा और इसके बाद उनकी जान चली गई। इस स्कूल में अभी शिक्षिका मोनिता वर्मा पदस्थ हैं। वर्तमान में वे इस स्कूल में अकेले पदस्थ हैं। 11 अप्रैल को शिक्षक श्याम बिहारी के देहांत के बाद उनकी नियुक्ति हुई है।
स्कूल के चपरासी के मुताबिक अगर यहां भूत नहीं होते, तो फिर इस तरह शिक्षकों की मौत नहीं होती। उसने कहा कि वो यहां पिछले 12 साल से पदस्थ है, लेकिन पिछले 2 साल से ही ऐसा हो रहा है। उसने कहा कि पहले बच्चे काफी संख्या में यहां आते थे, पढ़ते थे, लेकिन 5 मौतों के बाद कोई इस स्कूल में अपने बच्चे को नहीं पढ़ाना चाहता। इधर शिक्षा विभाग शिक्षक की मौत के बाद जिस तरह से भ्रम की स्थिति फैली है, उससे काफी परेशान है। विभाग का कहना है कि जल्द ही इस मामले में ग्रामीणों को जागरूक किया जायेगा और बताया जायेगा कि भूत प्रेत नहीं होता है।