जमशेदपुर : सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने जमशेदपुर के एक बड़े अंतरराज्यीय ऑनलाइन ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में करीब ₹2.98 करोड़ की ठगी की गई थी। जांच के दौरान जमशेदपुर से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है। यह साइबर अपराधी गिरोह का मास्टर माइंड बताया जा रहा है।
इस साइबर धोखाधड़ी की शुरुआत एक पीड़ित की शिकायत से हुई, जिसने रांची के साइबर क्राइम थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता को टेलीग्राम पर ग्लोबल इंडिया नामक कंपनी की तरफ से एक फर्जी लिंक भेजा गया था। उस लिंक पर क्लिक करने पर उन्हें शिकागो बोर्ड ऑफ आप्शंस एक्सचेंज से जुड़ी एक नकली वेबसाइट पर ले जाया गया, जहां मेटल ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा देकर पीड़ित से निवेश करवाया गया।
पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल ₹2,98,66,750 रुपये ट्रांसफर किए। बाद में जब कोई लाभ नहीं मिला, तब उन्हें इस फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बाद पीड़ित ने रांची में सीबीआई की साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
सीआईडी की जांच में आरोपी की पहचान दिनेश कुमार के रूप में हुई है, जो कदमा थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर का निवासी है। सीआईडी ने दिनेश कुमार को जमशेदपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी का इंडसइंड बैंक में एक खाता (खाता संख्या: 201034608570) है। इस खाते में केवल एक दिन में ₹1.15 करोड़ की रकम जमा की गई थी।
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इससे पहले भीइस गिरोह के खिलाफ नोएडा सेक्टर-36 थाना में ₹3.29 करोड़ की साइबर ठगी का केस दर्ज कराया गया है, जो इस गिरोह की गंभीरता और अंतरराज्यीय नेटवर्क को दर्शाता है।
सीआईडी की टीम अब इस पूरे इंटरस्टेट साइबर नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है। सभी संदिग्ध बैंक खातों, डिजिटल लेनदेन और संपत्तियों की जांच जारी है।
झारखंड सीआईडी की जनता को चेतावनी
सीआईडी ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन निवेश स्कीम से सावधान रहें।
कैसे बचें साइबर फ्रॉड से?
- टेलीग्राम, वाट्स ऐप, यू ट्यूब या गूगल ऐड्स पर दिखने वाले किसी भी निवेश लिंक पर क्लिक न करें।किसी अनजान व्यक्ति के बैंक अकाउंट या यूपीआई आइडी में पैसे ट्रांसफर न करें।
- निवेश केवल सरकारी मान्यता प्राप्त पोर्टल्स या ऐप्स के माध्यम से ही करें।
- यदि आप किसी साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
