झारखंड में 2026 में प्रस्तावित परिसीमन के चलते आदिवासी समुदाय की विधानसभा और लोकसभा में आरक्षित सीटों की संख्या घटने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाहरी आबादी के बढ़ते प्रभाव से आदिवासियों की चार विधानसभा और एक लोकसभा सीट कम हो सकती हैं।
वर्तमान में झारखंड विधानसभा में आदिवासियों के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं, जो परिसीमन के बाद घटकर 18 रह सकती हैं। इससे आदिवासी समुदाय की राजनीतिक प्रतिनिधित्व में कमी आ सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा है कि राज्य के गठन के बाद से ही विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए परिसीमन का प्रस्ताव बढ़ रहा था, जिसमें आदिवासियों और आरक्षित सीटों की संख्या कम होने की संभावना थी।
आदिवासी संगठनों ने इस संभावित कमी के खिलाफ आवाज उठाई है और सीटों की संख्या को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने की मांग की है। वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर झारखंड में आदिवासियों की 28 विधानसभा सीटों और लोकसभा की पांच सीटों को फ्रीज करने की मांग करेंगे।