रायपुर : सूदखोर वीरेंद्र तोमर की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि फरारी के दौरान उसे करणी सेना से मदद मिली थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वीरेंद्र तोमर पिछले 5 महीने में चार राज्यों में छिपा रहा। बताया गया है कि उसने अंडा बेचने से अपना सफर शुरू किया था और सूदखोरी के जरिए करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। जानकारी के मुताबिक, फरारी के दौरान तोमर ग्वालियर में करणी सेना से जुड़े एक नेता के फ्लैट में रह रहा था। इस दौरान उसने कई मोबाइल नंबरों के ज़रिए अपने परिवार से संपर्क किया। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है। इस बीच, पुलिस की टीम अब उसके भाई रोहित की तलाश में सक्रिय हो गई है। साथ ही, फरारी के दौरान मदद करने वालों पर भी जांच जारी है।
गौरतलब हैं कि, सूदखोर वीरेंद्र तोमर को लम्बे वक़्त के बाद रायपुर पुलिस ने पिछले दिनों ग्वालियर से हिरासत में लिया था। सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, जमीन हथियाने, मारपीट, हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों से जुड़े अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज होने के बाद से वह फरार था और पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी।गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने वीरेंद्र तोमर का उसी इलाके में जुलुस भी निकाला था, जिस इलाके में उसकी धमक थी। इस दौरान वह काली बनियान में था। एक फोटो में वह थाना परिसर में दुबका हुआ नजर आ रहा था। बहरहाल इस बीच करणी सेना सूदखोर वीरेंद्र तोमर के समर्थन में उतर आई है। क्षत्रीय करणी सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए दावा किया है कि, सूदखोर वीरेंद्र तोमर के साथ पुलिस ने अमानवीय व्यवहार किया है। शेखावत ने पुलिस को धमकी भी दी है और रायपुर में बड़े आंदोलन की बात कही है।
बता दें कि, कानूनी शिकंजे में फंसा सूदखोर वीरेंद्र सिंह तोमर क्षत्रिय करणी सेना का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष भी है। करणी सेना के प्रमुख राज शेखावत ने कहा है कि, राजकीय एवं प्रशासनिक अत्याचार का क्षत्रिय समाज जल्द आक्रामकता से जवाब देगा। तारीख, समय और स्थल शीघ्र घोषित होगा। एक पुलिस अधिकारी द्वारा अश्लीलता करना फिर थर्ड डिग्री टार्चर करना, यह हम क्षत्रिय बर्दाश्त नहीं कर सकते। सभी दोषियों को जवाब मिलेगा शीघ्र मिलेगा।
