चाईबासा : ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते‘ के तहत आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) ने एक 5 वर्षीय बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाने में मदद की। बागदेही रेलवे स्टेशन पर जांच के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने एक नाबालिग लड़के को संदिग्ध अवस्था में देखा। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ इतवारी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था और ट्रेन में चढ़ते समय अपने माता-पिता से बिछड़ गया।
बच्चे को सुरक्षित सौंपने की प्रक्रिया…..
आरपीएफ कर्मियों ने बच्चे से पूछताछ की और उसके बाद आरपीएफ पोस्ट झारसुगुड़ा (ओडिशा) लाया गया। मामले की जानकारी रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन, झारसुगुड़ा को दी गई। जिला परियोजना समन्वयक सीएचएल, डीसीपीयू के कर्मचारी आरपीएफ पोस्ट झारसुगुड़ा आए और सभी कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने के बाद बच्चे को जिला परियोजना समन्वयक सीएचएल, डीसीपीयू रेलवे चाइल्डलाइन झारसुगुड़ा को सौंप दिया गया।
मनोहरपुर का निवासी है बच्चा…..
आरपीएफ द्वारा नाबालिग लड़के को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम और पता बताया। उसने बताया कि उसका नाम शिवा उम्र लगभग 5 वर्ष पिता मोतीलाल जो मनोहरपुर (स्टेशन पारा), पीएस मनोहरपुर, जिला-पश्चिमी सिंहभूम (झारखंड) का निवासी है।
कैसे बच्चा परिवार से बिछड़ा…..
बच्चे ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ इतवारी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। जब ट्रेन बागदेही रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो वह अपने माता-पिता को बताए बिना गलती से ट्रेन में चढ़ गया। हालांकि, जब उससे उसके परिवार या रिश्तेदारों का कोई संपर्क नंबर पूछा गया, तो वह बताने में असमर्थ रहा।
आरपीएफ के कार्य को लोगों ने सराहनीय कदम बताया…..
आरपीएफ की इस कार्रवाई से बच्चे को उसके परिवार से मिलाने में मदद मिली। यह घटना आरपीएफ की मुस्तैदी और बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
