हुगली। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में 16 फरवरी को हुए 8 साल के मासूम लड़के की निर्मम हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है। कोन्नगर शहर में 8 साल के श्रेयांशु शर्मा हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि हत्या के पीछे उसकी मां और मां की समलैंगिक पार्टनर थी। बच्चे को दोनों के नाजायज रिश्ते के बारे में पता लग गया था। जिसके बाद उसकी मां को पकड़े जाने का डर सताने लगा। इसलिए दोनों ने मासूम को मार डालने का निश्चय किया। उन्होंने मासूम को बेहद खौफनाक मौत दी। पहले गणेश जी की भारी मूर्ति से सिर पर वार कर बेहोश किया। फिर चाकू से हाथों की नसें काट डाली, तब भी मन नहीं भरा तो पूरा शरीर चाकू से गोद डाला।
पुलिस ने बच्चे की मां शांता शर्मा और उसकी प्रेमिका इशरत परवीन को गिरफ्तार कर लिया है। घटना कोन्नानगर के कनाईपुर स्थित आदर्शनगर की बताई जा रही है। श्रीरामपुर के डीसीपी अर्नब विश्वास ने उत्तरपाड़ा थाने में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, शांता और परवीन शादी से पहले ही सहेलियां थी और उनके बीच समलैंगिक संबंध थे। शादी के बाद भी वे अक्सर मिला करते थे और समलैंगिक संबंध जारी रहे। शांता की शादी 2012 में हुई थी तो परवीन की शादी 2018 में। हालांकि कुछ महीनों में परवीन ने अपने पति का घर छोड़ दिया था। सूत्रों के मुताबिक शादी के बाद परवीन का कोई परिवार नहीं था। परवीन कभी-कभी शांता के घर आती थीं। शांता के भी अपने पति से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे।
पुलिस के अनुसार, उनके परिवारों को पता था कि दोनों एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। देर रात तक फोन पर बात होती थी। शांता के बेटे श्रेयांशु को दोनों के रिश्तों के बारे में पता लग गया था। उन्हें डर था कि कहीं ये बात वह किसी को न बता दे, इससे उन्हें समाज में बदनामी का डर था। इसलिए उन्होंने श्रेयांशु को मारने का प्लान बनाया। शांता ने पकड़े जाने के डर से बचने और अपने नाजायज संबंध को कायम रखने के लिए मासूम को बुरी तरह से मार डाला। पुलिस के अनुसार, बच्चे को मारने वाली परवीन थी, हालांकि शांता ने उसकी इस काम में पूरी मदद की। पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगा कि शांता श्रेयांशु को अपने साथ लेकर आई। जहां पहले से परवीन मौजूद थी। पहले उन्होंने मासूम के सिर पर ईंट और गणेश जी की मूर्ति से वार किया और बेहोश कर दिया। इसके बाद उन्होंने चाकू से उसके हाथ की नसें काट दी। इसके बाद भी उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने बच्चे के शरीर पर चाकू से अनगिनत वार किए। बच्चे के शव को ठिकाने लगाने के अगले दिन परवीन शांता से मिलने उसके घर भी पहुंची और संवेदना व्यक्त करने का नाटक किया।
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