गाजा में तबाही थमने का नाम नहीं ले रही। संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 18 मार्च से शुरू हुए इजरायली हमलों के बाद हर दिन कम से कम 100 बच्चे या तो मारे जा रहे हैं या गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। गाजा की जमीन अब मासूम बच्चों के लहू से लाल हो चुकी है। हर दिन सैकड़ों नन्हे सपने हमेशा के लिए टूट रहे हैं और दुनिया चुप है।
UNRWA प्रमुख फिलिप लजारिनी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बच्चों की हत्या का कोई औचित्य नहीं हो सकता।” उन्होंने गाजा को बच्चों के लिए ‘नो लैंड’ बताते हुए इसे “हमारी साझा मानवता पर एक गहरा दाग” करार दिया। यूनिसेफ ने खुलासा किया कि संघर्षविराम टूटने के बाद यानी 18 मार्च से अब तक कम से कम 322 बच्चे मारे जा चुके हैं। फिलिस्तीनी शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से अब तक 17,000 से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है। मंत्रालय ने कहा, “हर आंकड़ा एक खत्म होती जिंदगी और अधूरे सपनों की कहानी है।”
हमास ने भी इजरायली नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि 7 अक्टूबर 2023 के बाद से करीब 1,100 बच्चों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से कई बच्चे यातना, भूखमरी और चिकित्सा उपेक्षा जैसी अमानवीय स्थितियों से गुजर रहे हैं। वेस्ट बैंक से भी 1,200 बच्चों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 17 वर्षीय वलीद अहमद की हिरासत में मौत भी शामिल है। इसके अलावा, 39,000 से ज्यादा बच्चे अपने एक या दोनों अभिभावकों को खो चुके हैं।UNRWA ने चेतावनी दी कि 18 से 23 मार्च के बीच 1.42 लाख फिलिस्तीनी एक बार फिर विस्थापित हो गए। अब तक करीब 1.9 मिलियन लोग लगातार विस्थापन, बमबारी और भय का सामना कर रहे हैं।
अब तक गाजा में 50,600 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने नवंबर 2024 में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलंट के खिलाफ युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वहीं, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इजरायल पर नरसंहार का मुकदमा भी चल रहा है।