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नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति बन सकते हैं। वे इस ओर एक कदम और बढ़ा चुके हैं। दरअसल, चुनाव आयोग ने पुतिन का नाम उम्मीदवार के रूप में पंजीकृत कर लिया है। राष्ट्रपति पद का चुनाव इसी साल मार्च में होने वाला है। इसे लेकर आयोग ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम उम्मीदवार के रूप में सोमवार को औपचारिक रूप से पंजीकृत किया। आगामी चुनाव के बाद पुतिन का और साल के लिए सत्ता में आना तय माना जा रहा है। पुतिन इस समय 71 साल के हैं और वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन रूस की राजनीतिक व्यवस्था पर उनका पूरा नियंत्रण है। इसे उन्होंने 24 साल की अपनी सत्ता में स्थापित किया है। पुतिन को चुनौती दे सकने वाले उनके प्रमुख आलोचक या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं। देश में स्वतंत्र मीडिया पर मुख्य रूप से प्रतिबंध है।
ऐसे में 15 मार्च से 17 मार्च के बीच होने वाले चुनाव में पुतिन की जीत निश्चित लग रही है। पुतिन ने 2012 में ‘यूनाइटेड रशिया‘ पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन 2018 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे। पुतिन की लोकप्रियता की रेटिंग लगभग 80 प्रतिशत है और वह ‘यूनाइटेड रशिया‘ की तुलना में कहीं अधिक लोकप्रिय हैं। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने रूस के सभी 89 क्षेत्रों से पुतिन के अभियान द्वारा एकत्र किए गए 3,15,000 हस्ताक्षरों की समीक्षा के बाद राष्ट्रपति को उम्मीदवार के तौर पर औपचारिक मान्यता दे दी। रूसी चुनाव कानून के अनुसार कम से कम 3,00,000 हस्ताक्षर के बाद ही स्वतंत्र उम्मीदवारों का नाम मतपत्र पर आ सकता है। आयोग ने उन तीन अन्य उम्मीदवारों को पहले ही मंजूरी दे दी है, जिन्हें संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों ने नामित किया है और उन्हें हस्ताक्षर एकत्र करने की आवश्यकता नहीं थी।
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