नई दिल्ली : बिहार के गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी (DM) जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की 16 साल बाद रिहाई हो गई है. जी. कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन उम्रकैद की सजा काट रहे थे. गुरुवार सुबह 4:30 बजे उन्हें सहरसा जेल से रिहा किया गया. उनकी रिहाई के लिए नीतीश कुमार सरकार (Nitish Government) ने जेल मैनुअल में बदलाव किए थे. ऐसे में सिंह की रिहाई को लेकर बिहार सरकार की तीखी आलोचना हो रही है.
इस पूरे मामले को लेकर NDTV ने दिवंगत आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की बेटी से खास बातचीत की है. जी. कृष्णैया की बेटी पद्मा कृष्णैया ने पिता को याद कर भावुक होते हुए कहा- “हम डर के माहौल में बड़े हुए. बहुत दुख देखा. आनंद मोहन सिंह जैसे लोगों को समाज में नहीं होना चाहिए.” कृष्णैया परिवार ने इस मामले में जल्द पीएम मोदी से संपर्क करने की बात कही है.
बिहार सरकार का फैसला दुखदायी………
पद्मा कृष्णैया ने कहा- “बिहार सरकार का यह फैसला बहुत दुखदायी है. मेरे पिता की हत्या का दोषी आज जेल से बाहर है. हम उसकी उम्रकैद की सजा बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हम इस मामले में पीएम मोदी से संपर्क करने की सोच रहे हैं.”
सीएम से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती………..
उन्होंने कहा, “आनंद मोहन सिंह को ज्यादा लोग समर्थन नहीं करते हैं. जब नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने थे, तब उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन सिंह जैसे लोगों को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए. अब मैं समझ नहीं पा रही हूं कि नीतीश कुमार ने अपना फैसला क्यों बदला? आखिर आनंद मोहन सिंह को रिहा क्यों किया गया? एक मुख्यमंत्री से ऐसे कदम की उम्मीद नहीं की सकती है.”
राजनीतिक स्वार्थ हो सकता है रिहाई का मोटिव………..
इससे पहले जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने NDTV से खास बातचीत में नीतीश कुमार के इस फैसले पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन सिंह को रिहा करने के पीछे वोट बैंक की राजनीति हो सकती है. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पद्मा कृष्णैया ने कहा- “निश्चित तौर पर इससे इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि राजनीतिक स्वार्थ के अलावा और कोई मोटिव नहीं है, जिसके आधार पर नीतीश कुमार ने ऐसा फैसला लिया होगा.”
रिहाई का फैसला समझ से बाहर………
NDTV से बातचीत में पद्मा कृष्णैया कहती हैं, “डीएम की हत्या कराने का दोषी 14-15 साल तक जेल में रहता है. फिर अचानक सरकार जेल में अच्छे बर्ताव का हवाला देकर उसे रिहा कर देती है. ये समझ से बाहर है. हम इस बात से सहमत नहीं हैं. हम उतने ताकतवर नहीं कि इन लोगों से लड़ सके.”
उम्मीद है बिहार के लोग हमारे साथ…………….
उन्होंने आगे कहा, “बिहार में कुछ लोग आनंद मोहन सिंह के समर्थन में हैं. लेकिन ज्यादातर लोग हमसे संपर्क करते हैं और कहते हैं कि ये फैसला ठीक नहीं है. हमें उम्मीद है कि बिहार हमारे साथ है. आने वाले दिनों में बेशक कुछ न कुछ हमारे पक्ष में होगा.”