DHANBAD : झारखंड के धनबाद जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के बाबूडीह में हिलटॉप आउटसोर्सिंग की चारदीवारी निर्माण को लेकर 9 जनवरी को हुई हिंसक झड़प में मधुबन थाना प्रभारी और धर्माबांध ओपी प्रभारी पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. एसएसपी ने लापरवाही के आरोप में मधुबन थाना प्रभारी पिकू प्रसाद और धर्माबांध ओपी प्रभारी कमलेश कुमार को निलंबित कर दिया है।
जानिए हिंसक झड़प का पूरा मामला क्या है
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद शेख तौहीद उर्फ डब्लू और झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता कारू यादव के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें बाबूडीह के सुभाष सिंह को गोली लग गई. इसके अलावा हिंसा के दौरान आजसू पार्टी के कार्यालय को भी जला दिया गया. वहीं बाघमारा एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार भी गंभीर रूप से घायल हो गए. तीन मामले दर्ज मधुबन हिंसा मामले में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धाराएं शामिल हैं।
हिंसक झड़प में अब तक 5 गिरफ्तार
इस मामले में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 5 को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में श्याम कुमार चौहान, रविंद्र यादव, निताई सिंह, शेख खालिद और हेमंत कुमार ग्याली शामिल हैं. इन सभी आरोपियों को साक्ष्य के आधार पर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
राज्य में सांसद का कार्यालय भी सुरक्षित नहीं : सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी
इस बीच गिरिडीह सांसद का कहना है कि उनके कार्यालय में आग लगाने की शिकायत के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर इस पर नाराजगी जताई है. पता चला है कि इस मामले में अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की गई है. 100 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. घटना के लिए कथित रूप से जिम्मेदार पक्षों में से एक कारू यादव को भी नामजद किया गया है. गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने अपने आवासीय कार्यालय में लूटपाट, आगजनी और सहकर्मियों पर जानलेवा हमले को लेकर धनबाद डीसी और एसएसपी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि 9 जनवरी को वे रेलवे की मीटिंग के लिए कोलकाता में थे. उन्हें फोन पर घटना की जानकारी मिली. डीएसपी की हत्या का प्रयास कर अपराधियों ने पुलिस को चुनौती दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद प्रतिनिधि रामशंकर तिवारी द्वारा दर्ज कराई गई ऑनलाइन शिकायत के आलोक में अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में सांसद का कार्यालय भी सुरक्षित नहीं है।
विधायक जयराम महतो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच और कार्रवाई की मांग की
इस बीच डुमरी विधायक जयराम महतो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाघमारा डीएसपी पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक जयराम महतो ने कहा है कि यह घटना कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की गरिमा को चुनौती देती है और माफियाओं के मनोबल को मजबूत करती है. डीएसपी के साथ हुई यह घटना जनता को भयभीत कर रही है. इस तरह की घटना झारखंड की छवि को नुकसान पहुंचाती है. इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. विधायक जयराम महतो भी धनबाद आए. उन्होंने घायल डीएसपी से मुलाकात की और कहा कि यही समय है जब पुलिस को बाघमारा से माफियाओं का सफाया कर देना चाहिए. यह भी सच है कि आउटसोर्सिंग स्थल पर हुई बमबारी को लेकर पहली बार पुलिस सक्रिय हुई है. झारखंड सरकार भी सक्रियता दिखा रही है।
नतीजतन, पुलिस इस बार सख्त रुख अपना रही है. अगर पुलिस इस बार भी विफल रही तो माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ जाएगा कि वे जो चाहेंगे वो करेंगे. लोग पूछ रहे हैं कि माफियाओं में इतनी ताकत कहां से आती है कि वे पुलिस अधिकारियों पर हमला करते हैं. वैसे 9 जनवरी को जो घटना हुई थी, वो पूरी तैयारी के साथ की गई थी. इसका वायरल वीडियो देखने के बाद ऐसा लगता है कि लोगों को अपनी जान की परवाह नहीं थी. लोग आगजनी कर रहे थे. गोलियां चला रहे थे, बम फोड़ रहे थे।