जमशेदपुर : यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति की नई नियमावली के तहत जिस विश्वविद्यालय का नेक ग्रेडिंग ए, ए+ , ए++ है उन्ही अभियार्थी को निर्धारित 30 अंक में से रांची यूनिवर्सिटी को 15 तो बाकी यूनिवर्सिटी को 5 अंक प्राप्त होंगे झारखंड के किसी भी यूनिवर्सिटी से पीएचडी किए अभियार्थियो को 30 प्राप्त नही होंगे इससे नियुक्ति प्रक्रिया में अन्य राज्यो के छात्रों का बोल बाला होगा और झारखंड के अभियार्थी पिछड़ जायेंगे, यह नियमावली से झारखंड के छात्रों के साथ किया जाने बाला बहुत बड़ा धोखाधड़ी होगा, आखिर इसमें छात्रों की क्या गलती है ,यूनिवर्सिटी को व्यवस्था उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है अगर सरकार अपना जिम्मेदारी नहीं निभाती है तो इसमें छात्र नुकसान क्यों सहेंगे ,इसी लिए आजसू छात्र संघ ने कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलपति को ज्ञापन भेजा है की अपने यूनिवर्सिटी से जो सुझाव यूजीसी को भेजना है उसपर इन सभी बातों को शामिल कर अपना असहमति जताते की कृपा करे।शाखा कार्यालय के माध्यम से यह पत्र भेजा गया।
इस दौरान कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक ,जिलाध्यका जगदीप सिंह ,कार्यकारी जिला साहेब कुमार ,विनीत प्रसाद, नगर उपाध्यक्ष अभिषेक दुबे उपस्थित थे. शाखा कार्यालय में सीधे कुलपति के नाम से आया कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा इसकी जानकारी शाखा कार्यालय के मुख्य समन्वयक डॉ पी पांडे ने दिया कहा की ऊपर से आदेश है आप पत्र कुलसचिव के नाम से दीजिए तब जाकर हमलोग आपका पत्र लेंगे.
हेमंत पाठक ने कहा – एक तरफ झारखंड में झारखंडी सरकार है और झारखंड में असिस्टेंट प्रोफेसर के नियुक्ति में झारखंड के अभियार्थी को ही नुकसान हो ऐसा आजसू छात्र संघ बर्दास्त नही करेगा कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलपति को इस मामले में अपना राय यूजीसी के समक्ष रखना चाहिए था लेकिन वह तो अपने कार्य से भाग रहे है और कोई भी पत्र अपने नाम से स्वीकार्य नहीं कर रहे है ताकि कोई इनपर कार्य न करने का आरोप नही लगा सके , इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।