मुंबई : बुर्का पहनकर शिक्षण संस्थान जाने को लेकर विवाद अभी रुका नहीं है। कर्नाटक के बाद अब एक मामला सेंट्रल मुंबई के चेंबूर से सामने आया है। यहां कुछ लड़कियां बुर्का लगाकर कॉलेज पहुंचीं तो सुरक्षा गार्ड ने उन्हें कॉलेज के प्रवेश करने से रोक दिया। इस बारे में कॉलेज की ओर से कहा गया कि जूनियर कॉलेज में यूनिफॉर्म पॉलिसी बदल दी गई है। इस बदलाव के बारे में सभी विद्यार्थियों को सूचित भी कर दिया गया है।
कॉलेज में प्रवेश से रोकने पर किया प्रदर्शन
जब बुर्का पहनकर कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया तो छात्राएं कॉलेज के बाहर ही प्रदर्शन करने लगीं।
पुलिस अधिकारियों के मौके पर पहुंचने और अभिभावकों के साथ-साथ कॉलेज अधिकारियों के समझाने के बाद स्थिति सामान्य हुई। बुधवार शाम तक, कॉलेज की ओर से बयान जारी कर छात्राओं के लिए कुछ सशर्त नियमों को स्पष्ट किया गया। कॉलेज प्रशासन से बातचीत के बाद स्टूडेंट्स को एंट्री दे दी गई।
विवाद पर क्या कहा कॉलेज ने?
इस विवाद को लेकर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि विगत एक मई को पैरेंट्स-टीचर की मीटिंग बुलाई गई थी। उस मीटिंग में नए यूनिफॉर्म पॉलिसी के बारे में सभी को बता दिया गया था। नई पॉलिसी के तहत छात्राएं न तो सिर पर दुपट्टा रख सकती हैं और ना ही बुर्का लगा सकती हैं। उस वक्त ड्रेस कोड पर सभी ने सहमति जताई थी। लेकिन वे अब विरोध कर रहे हैं। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि जो भी छात्रा ड्रेस कोड पर आपत्ति जताती है, वह कॉलेज छोड़ने के लिए स्वतंत्र है।
आपत्ति जताने वाली छात्राओं ने ये कहा?इस बीच, आपत्ति जताने वाली कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं ने कहा कि उन्हें हिजाब या बुर्का पहने बिना घर से निकलने में असहज महसूस होता है क्योंकि यह उनके लिए एक धर्म से जुड़ा मामला है। उन्होंने अपनी सुविधा के लिए कम से कम स्कार्फ पहनने की अनुमति मांगी।
विवाद बढ़ा तो कहा- बुर्का पहनकर आएं, क्लासरूम में उतारना होगा
बाद में शाम को कॉलेज ने एक बयान जारी कर कहा कि छात्राओं को उनकी सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए बुर्का, हिजाब या स्कार्फ पहनकर कॉलेज आने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, उन्हें कक्षा में प्रवेश करने से पहले इसे वॉशरूम में उतारना होगा और शाम को कक्षा से बाहर निकलते समय इसे फिर से पहनना सकेंगी।
पिछले साल कर्नाटक में प्रतिबंध पर खड़ा हुआ था विवाद
बता दें कि पिछले साल कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पर इसी तरह के प्रतिबंध से विवाद खड़ा हो गया था, जो सुप्रीम कोर्ट तक गया और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ।