जमशेदपुर : 4 वर्षों में एक भी परीक्षा कराने में असमर्थ रही झारखंड सरकार ने परीक्षा, नौकरी देने के लिए नहीं, बल्कि पेपरलीक करने के लिए, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिए कराई है। ऐसे में आगामी 4 फरवरी को होने वाले एग्जाम में एक बात स्पष्ट रूप से साफ है कि हिम्मत वाली ये सरकार और इसके द्वारा संरक्षित व्यक्तियों द्वारा आगामी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को भी पहले की तरह ही सोशल मीडिया में घुमाया जाएगा।
छात्रों के भविष्य को खिलौना समझने की भूल कर चुकी हेमंत सरकार को जवाब देना होगा कि पैसों का व्यापार करते करते, छात्रों के भविष्य और आंसुओं का व्यापार करने में थोड़ी भी झिझक होती है क्या? 4 साल से रोजगार के लिए तरस रही आंखों को देखकर, आंख मिलाने का दुस्साहस अभी भी बचा है क्या? झारखंड की नींव तथा छात्रों की उम्मीदों को झकझोरने के बाद भी, तरकश में अभी और अत्याचारी तीर बचा है क्या?
ज़रा सोचिए 20 लाख, 25 लाख, 30 लाख रुपये में सीटें बेच रहे हैं। सारे नियम-क़ानून ताक पर रखकर पटना और गया बुलाकर प्रश्न पत्र रटवा रहे हैं। प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही लोगों के हाथ में सौंप दिये गए। पैसे लो और नौकरियां बांट दो, सीटों की क़ीमत लगा दो, बोली तय कर दो, नीलामी कर दो… जो ग़रीब हैं, जिनके माँ-पिता मेहनत-मज़दूरी करके अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए सपने सजा रहे हैं, उनके साथ ऐसी नाइंसाफ़ी….दिन-रात परिश्रम करने वाले, प्रतिभावान विद्यार्थियों के साथ ऐसा अन्याय भाजपा नही बरदास्त करेगी। भ्रष्टाचार से संलिप्त हेमंत सरकार.. विद्यार्थियों के जीवन से खेलवाड़ करना बंद करो।
गरीब, मजदूर वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरी में समान अवसर देने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से परीक्षा होना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए, जब तक पेपर लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश नहीं होता, तब तक JSSC को आगामी परीक्षा स्थगित करनी चाहिए ,इसकी CBI जांच हो। इस भ्रष्टाचार में संलिप्त संस्थाएं, एजेंसी, अधिकारियों व सफेदपोशों पर कठोर से कठोर कार्यवाई हो।
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