रेलवे : ट्रेनों के आरक्षित कोच में सफर करने की हरी झंडी अब सिर्फ उसे ही मिलेगी, जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। टिकट चेकिंग नियमों को लेकर रेलवे अब सख्त हो गया है। वेटिंग टिकट पर सफर करने वाले मुसाफिरों की रिजर्व कोच में अब नो एंट्री हो गई है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 250-440 रुपये के बीच जुर्माना देना पड़ेगा। साथ में अगले स्टेशन पर आरक्षित श्रेणी का कोच भी छोड़ना पड़ेगा। वहीं, अगर जनरल टिकट पर आरक्षित श्रेणी में कोई यात्रा करता है तो उसको ट्रेन शुरू होने से लेकर खत्म होने तक की दूरी का किराया और जुर्माना देना पड़ेगा। साथ में कोच भी छोड़ना पड़ेगा। रेल मंत्रालय की तरफ से हर जोन के रेलवे अधिकारियों को नियम-कायदे सख्ती से लागू करने के मौखिक आदेश दिए गए हैं।
ट्रेनों में इन दिनों बेतहाशा भीड़ है। अभी से ही छठ व दिवाली के दौरान किसी भी नियमित ट्रेनों में आरक्षित बर्थ खाली नहीं है। ऐसे में रेलवे ने अपने पुराने कानून को सख्ती से लागू कर रहा है। अब कई रूटों की ट्रेन में उसी यात्री को यात्रा करने की मंजूरी दी जा रही है, जिनके पास उस कोच में कन्फर्म टिकट है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कोई नया नियम नहीं है। यह पहले से रेलवे बोर्ड का सर्कुलर है। इतना जरूर है कि टिकट चेक करने की प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है ताकि वहीं यात्री सफर कर सके जिन्होंने पहले से आरक्षित बर्थ वाला कन्फर्म टिकट की बुकिंग की है।
मगध एक्सप्रेस में लिया जुर्माना शनिवार को पटना से नई दिल्ली आने वाली मगध एक्सप्रेस में इस तरह का मामला भी सामने आया। वेटिंग टिकट पर स्लीपर कोच में सवार यात्रियों को कोच से बाहर किया गया। साथ में उनसे 250 रुपये के करीब जुर्माना वसूला गया। जिनके पास वेटिंग टिकट नहीं था, उनसे 750 रुपया जुर्माना किया गया। मगध एक्सप्रेस से स्लीपर कोच संख्या-6 में सवार होकर नई दिल्ली स्टेशन पहुंचे यात्रियों का कहना था कि रेलवे पहले वेटिंग टिकट वालों को आरक्षित कोच से उतरने को मजबूर नहीं करता था। लेकिन अब सख्ती है। वेटिंग टिकट वाले यात्रियों से 250 रुपये जुर्माना भी वसूला गया और उतरने के लिए भी मजबूर किया गया। अब केवल कन्फर्म टिकट वालों को ही स्लीपर कोच में भी यात्रा करने की इजाजत है।
नियम को लागू करने में स्टाफ की कमी आएगी आड़े रेलवे अपने सभी विभागों में स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। टीटीई के साथ ही आरपीएफ के भी कई पद खाली है। एक ही टीटीई कई कोच का निरीक्षण करता है। ऐसे में इस नियम को सभी ट्रेनों में सख्ती से पालन कराना फिलहाल मुश्किल हो रहा है। रेलवे सूत्रों की माने तो एक टीटीई पर कई कोच का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी होती है। रेलवे पुलिस की कमी ट्रेनों में होती है। ऐसे में इस नियम को पालन कराने में परेशानी होती है। शरारती तत्वों से भी डर बना रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत पूर्वांचल दिशा की तरफ आने-जाने वाली ट्रेन में होना तय है। खासकर दुर्गापूजा, दिवाली और छठ पर्व के दौरान। क्योंकि इन दिनों भीड़ अधिक होती है।