इन दिनों कोविड-19 का एक नया और ज्यादा संक्रामक वेरिएंट (New Covid XEC Variant) करीब पंद्रह देशों में तेजी से फैल रहा है जो बताता है कि दुनियाभर में लाखों लोगों की जान लेने वाली इस महामारी का प्रकोप अभी थमा नहीं है। वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि ये बीमारी एक बार फिर से बढ़ सकती है और कई देशों को अपना शिकार बना सकती है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट (New Covid XEC Variant) यूरोप में तेजी से फैल रहा है। पहली बार इसकी पहचान इसी साल जून के महीने में जर्मनी में हुई थी और अब तक यह 13 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है। यह स्ट्रेन ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स – KS.1.1 और KP.3.3 का मिला हुआ रूप है। KS.1.1 एक FLiRT वैरिएंट है जो दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार माना जाता है। KP.3.3 FLuQE वेरिएंट का एक प्रकार है, जिसमें अमीनो एसिड ग्लूटामिन में ग्लूटामिक एसिड में म्यूटेट होता है। आसान भाषा में समझें, तो यह वायरस अपने पहले से मौजूद रूपों से थोड़ा बदला हुआ है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शरीर की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचा सकता है और बीमारी के तेजी से फैलने का बड़ा कारण भी बन सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसने पुराने वेरिएंट FliRT स्ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है।
क्या है कोविड का XEC वेरिएंट?
XEC वैरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो सब-वैरिएंट्स, KS.1.1 और KP.3.3, का मिला हुआ रूप है। ये दोनों सब-वेरिएंट्स पहले से ही दुनिया भर में फैल रहे हैं, लेकिन उनके संयोजन ने एक नए वेरिएंट को जन्म दिया है जो ज्यादा संक्रामक और घातक साबित हो सकता है।
कितना खतरनाक है XEC वेरिएंट?
XEC वेरिएंट के खतरे अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ वैज्ञानिक कुछ बातों को लेकर चिंता जरूर जता रहे हैं। जैसे- XEC वेरिएंट पहले से मौजूद ओमिक्रॉन और सब-वेरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक हो सकता है, जिससे इसके तेजी से फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, XEC वेरिएंट की गंभीरता के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है, लेकिन मुमकिन है कि यह कुछ लोगों के लिए गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इसके साथ-साथ यह भी संभव है कि XEC वेरिएंट मौजूदा कोविड-19 वैक्सीनों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ले।
XEC वेरिएंट से बचने के लिए क्या करें?
XEC वेरिएंट के सामने आने के बाद यह और भी जरूरी हो गया है कि सभी लोग वैक्सीनेशन ड्राइव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें क्योंकि यह बीमारी से बचाव का एकमात्र तरीका है। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना भी संक्रमण को फैलने से रोक सकता है। साथ ही, दूसरों से एक उचित दूरी बनाए रखना भी संक्रमण के जोखिम को कम करने में मददगार है। नियमित रूप से हाथ धोना या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करके भी आप इस वायरस को फैलने से रोक सकते हैं।
कोविड-19 के इस नए वेरिएंट ने वैज्ञानिकों की चिंता जरूर बढ़ा दी है, लेकिन अभी तक इसके खतरे पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में, कोरोना से जुड़े सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है।
5 प्वाइंट्स में समझें पूरी बात
- ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित यह स्ट्रेन इन दिनों यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया में काफी तेजी से फैल रहा है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, XEC के साथ कुछ नए म्यूटेशन आते हैं जो इस मौसम में इसे फैलने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, टीकाकरण की मदद से मामलों को गंभीर होने से रोका जा सकता है।
- यह स्ट्रेन कथित तौर पर ऐसे लक्षण पैदा करता है जो जुकाम और इन्फ्लुएंजा जैसी सामान्य बीमारियों के साथ अनुभव किए गए लक्षणों की तरह होते हैं।
- इस वायरस की चपेट में आने के बाद ज्यादातर लोग एक-दो हफ्ते के अंतर ठीक हो सकते हैं जबकि कुछ लोगों को रिकवर होने में वक्त भी लग सकता है और कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी पड़ सकती है।
- यूके एनएचएस के मुताबिक, यह वेरिएंट फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है जिसमें हाई टेम्परेचर, कंपकंपी, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ, थकान, शरीर में दर्द, भूख कम होना, आदि शामिल हैं।