दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़ों का कैंसर सबसे आगे है. जानिए समय रहते इस बीमारी से कैसे बचें…
लोकतंत्र सवेरा / हेल्थ डेस्क : फेफड़ों का कैंसर LUNG CANCER उन कैंसरों में से एक है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं. वैश्विक स्तर पर आंकड़ों की मानें तो अकेले अमेरिका में हर साल करीब 218500 लोग फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित होते हैं, जिनमें से करीब 142000 लोगों की इस बीमारी के कारण मौत हो जाती है. अमेरिका ही नहीं, बल्कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. विशेषज्ञों और विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों का मानना है कि विकासशील देशों में पुरुषों में यह सबसे आम कैंसर में से एक है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर पहले स्थान पर है. पिछले साल ही इस बीमारी से 1.8 मिलियन लोगों की मौत हुई. 85 प्रतिशत से ज्यादा मामले स्मोकिंग के कारण होते हैं. लेकिन वायु प्रदूषण, आनुवंशिक परिवर्तन और कुछ फेफड़ों की बीमारियां भी अन्य फैक्टर्स हैं जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं. इस बीमारी को शुरुआती चरणों में न पहचानना इसे और गंभीर बना देता है. कैंसर के फेज, फेफड़ों के कैंसर के प्रकार और कैंसर के शरीर के अन्य भागों में फैलने के आधार पर लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. जानिए फेफड़ों के कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण क्या हैं…
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, लंग कैंसर के लक्षण इस प्रकार है…
- लगातार या लंबे समय से खांसी होना खांसी जो लगातार बनी रहती है या समय के साथ खराब होती जाती है, फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक है. अगर आपकी खांसी बनी रहती है या गंभीर हो जाती है, तो किसी स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें.
- खून की खांसी होना या बलगम में खून आना फेफड़े के कैंसर का संकेत हो सकता है.
- सांस लेने में तकलीफ : सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना भी फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हैं. यह कैंसरयुक्त ट्यूमर के कारण वायुमार्ग में अवरोध उत्पन्न होने या फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ जमा होने के कारण होता है.
- सीने में दर्द : बिना किसी कारण के सीने में दर्द होना भी फेफड़ों के कैंसर का संकेत है. यदि गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने पर सीने में दर्द बढ़ जाता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
- वजन घटना :अचानक, बिना किसी कारण के वजन घटना और भूख न लगना भी फेफड़े के कैंसर के लक्षण हैं.
- क्रोनिक थकान : एनएचएस यूके की वेबसाइट के मुताबिक, यदि आप पर्याप्त आराम करने के बावजूद लगातार थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है. यह अन्य कैंसरों का भी एक सामान्य लक्षण है.
- गर्दन या चेहरे में सूजन : गर्दन और चेहरे में सूजन फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है. फेफड़ों के ट्यूमर सुपीरियर वेना कावा में बन सकते हैं, यह वह नस है जो सिर से हृदय तक रक्त ले जाती है.
- हड्डियों में दर्द : पीठ, कूल्हों और पसलियों में दर्द भी फेफड़ों के कैंसर का लक्षण हो सकता है. यह तब होता है जब फेफड़ों का कैंसर हड्डियों तक फैल जाता है. इसके साथ ही आवाज बैठना, छाती और पेट में दर्द, वजन कम होना और सिरदर्द भी इसके लक्षणों में शामिल है.
यदि आपको इन में से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत किसी डॉक्टर से सलाह करना महत्वपूर्ण है. फेफड़े का कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका जल्द निदान जरूरी है. तुरंत और शुरूआती पहचान से रोग का निदान और इलाज करने में मदद मिल सकती है.
भारत के आंकड़े
कैंसर अगेंस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल फेफड़ों के कैंसर के करीब 67 हजार नए मामले सामने आते हैं. जिनमें से 48 हजार से ज्यादा पुरुष और 19 हजार से ज्यादा महिलाएं होती हैं. चिंता की बात यह है कि इनमें से करीब 63 हजार पीड़ितों की मौत हो जाती है. दुनियाभर में फेफड़ों के कैंसर से मरने वालों की संख्या की बात करें तो यह सभी तरह के कैंसर से होने वाली मौतों का 18.2 फीसदी है. वहीं, नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में भारत में पुरुषों (पुरुष फेफड़ों के कैंसर रोगियों) में फेफड़ों के कैंसर के रोगियों की अनुमानित संख्या 679,421 थी, जबकि महिलाओं (महिला फेफड़ों के कैंसर रोगियों) में मामले 712,758 थे.